Paracetamol: 25 साल से लगातार 'पेरासिटामोल' खा रहा था शख्स, हुई ऐसी बीमारी कि पहुंच गया अस्पताल
जापान के 77 साल के व्यक्ति ने अपने दिमाग को शांत रखने के लिए 25 साल तक पेरासिटामोल खाई. लिहाजा अब उसे इस टैबलेट की ओवरडोज का प्रकोप झेलना पड़ रहा है
Paracetamol: कुछ लोगों को डॉक्टर के पास नहीं जाना आमतौर पर पसंद नहीं आता है. वे सोचते हैं कि जब हमारे पास खुद बीमारी को तोड़ने की दवा है तो डॉक्टर के पास क्यों जाना. डॉक्टर के पास जाने के बजाय वे ओवर-द-काउंटर (ओटीसी) दवाएं लेना पसंद करते हैं. इन दवाओं की खासियत यह होती है कि इन्हें बिना डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के मेडिकल स्टोर से खरीदा जा सकता है. इन ओटीसी दवाओं में एक 'पेरासिटामोल' भी शामिल है, जिसका इस्तेमाल आमतौर पर फीवर, माइग्रेन, सिर दर्द, पीरियड पेन, बदन दर्द, दांत दर्द, सर्दी और फ्लू आदि जैसी समस्याओं के इलाज के लिए किया जाता है.
माना कि पेरासिटामोल एक ओवर-द-काउंटर मेडिसिन है. लेकिन किसी भी दवा का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल आपको नुकसान की तरफ ले सकता है. ऐसा ही कुछ जापान के 77 साल के व्यक्ति के साथ हुआ है. व्यक्ति ने अपने दिमाग को शांत रखने के लिए 25 साल तक पेरासिटामोल खाई. लिहाजा अब उसे इस टैबलेट की ओवरडोज का प्रकोप झेलना पड़ रहा है.
ओवरडोज की वजह से हुई ये बीमारी
जानकारी के मुताबिक, व्यक्ति को ज्यादा पेरासिटामोल खाने की आदत थी. वो 25 साल से लगातार ऐसा कर रहा था. अब पता चला है कि उसे फेफड़े का घातक संक्रमण 'निमोनिया' हो गया है, जिसकी वजह से वो अस्पताल में भर्ती है. पेरासिटामोल को वैसे तो आमतौर पर एक सेफ मेडिसिन माना जाता है, लेकिन अगर इसे लगातार कई दिनों तक खाया जाता है तो इसके गंभीर परिणाम भी भुगतने पड़ सकते हैं.
मरीज थकान और सूखी खांसी की शिकायत के साथ अस्पताल में भर्ती हुआ था, जिससे वो पांच साल से पीड़ित था. जर्नल ऑफ मेडिकल केस रिपोर्ट्स में डॉक्टरों ने बताया कि उन्होंने मरीज को पेरासिटामोल दवा लेना बंद करने और इसके बजाय एंटीबायोटिक्स लेने की सलाह दी.
क्या है निमोनिया?
निमोनिया बैक्टीरिया या वायरल संक्रमण के जरिए फेफड़ों की सूजन को ट्रिगर करता है. ये बीमारी किसी भी उम्र में हो सकती है और सभी के लिए समान रूप से गंभीर है. हालांकि बच्चों और बुजुर्गों के लिए निमोनिया खतरनाक है. रिपोर्ट के मुताबिक, जब मरीज को एंटीबायोटिक्स लेने को कहा गया तो इसके बाद बीमारी के लक्षण काफी हद तक कम हो गए थे. हालांकि मरीज ने फिर से पेरासिटामोल लेना शुरू कर दिया, जिसकी वजह से उसे निमोनिया हो गया.
निमोनिया के लक्षण क्या हैं?
निमोनिया के लक्षण छाती के संक्रमण के जैसे हो सकते हैं, जो 24 घंटों के भीतर तेजी से विकसित हो सकते हैं. आइए जानते हैं इसके लक्षण क्या हैं...
1. तेजी से सांस लेना
2. फीवर होना
3. सीने में दर्द
4. भूख में कमी होना
5. सांस फूलना
6. सूखी या गीली खांसी
7. सिर में दर्द
8. खूनी खांसी
9. धडकन का तेज होना
10. कांपना
11. पसीना आना
12. घरघराहट महसूस होना
13. थकान
14. उलझन
15. उल्टी करना
16. जी मिचलाना
17. मांसपेशियों में दर्द
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