कौन सी बीमारी कब लग जाए पता नहीं चलता. कुछ बीमारियों के साथ व्यक्ति जीवन काट लेता है, लेकिन कुछ बीमारियां ऐसी हैं जो व्यक्ति को टाइम से पहले पहले मौत की नींद सुला देती है. कैंसर उनमें से ही एक डिसीज है. कैंसर का बढ़ना बॉडी की सेल्स का अनकंट्रोल्ड स्तर से बढ़ाव है. यदि बॉडी की सेल्स तेजी से ग्रोथ कर रही हैं तो समझ लीजिए कि बॉडी में कुछ ना कुछ गड़बड़ चल रही है. कुछ कैंसर की जानकारी बॉडी के बाहर से हो जाती है, जबकि कुछ कैंसर ऐसे होते हैं. जिनका आखिरी स्टेज पर पता चलता है. पेनक्रियाज में होने वाला कैंसर एक ऐसा ही कैंसर है जिसकी जानकारी अधिकांश बार आखिरी स्टेज में हो पाती है. इस बीमारी से बचना है तो इसके लक्षणों पर भी गौर करने की जरूरत है. यह कैंसर कुछ symptoms देता है. बस उन लक्षणों को समझिए और कैंसर को अर्ली स्टेज पर डिटेक्ट कर उसका ट्रीटमेंट कराना शुरू कर दीजिए.
जोंडिस पेनक्रिएटिक कैंसर का प्राइमरी symptom
जोंडिस लीवर से जुड़ा रोग है. लीवर जब बिलुरुबिन अधिक जनरेट करना शुरू कर देता है तो समझ लीजिए जॉन्डिस ने आपको जकड़ लिया है. पेनक्रिएटिक कैंसर का पहला लक्षण भी जॉन्डिस ही है. यदि किसी व्यक्ति की आंखें पीली है, नाखूनों का कलर पीला हो गया है. स्किन पीली हो रही है और टॉयलेट का कलर भी पीला है तो यह जोंडिस का लक्षण है. यदि यही लक्षण लंबे समय तक बने हुए हैं तो तुरंत इसकी जांच डॉक्टर को करानी चाहिए. यह पेनक्रिएटिक कैंसर की शुरुआत हो सकती है.
क्यों हो जाता है yellow colour
बिलरुबिन लीवर में गहरे पीले- ब्राउन रंग में पाया जाता है. इसका लीवर में बड़ा इंपॉर्टेंट रोल है. यह बॉडी से खराब प्रोडक्ट निकालने का काम करता है. यह खराब रेड ब्लड सेल्स के कारण पैदा हो जाते हैं. नॉर्मली यह लीवर में बनता है, लेकिन जब बाइल डक्ट ब्लॉक हो जाते हैं तो यह ब्लड में बनना शुरू हो जाता है और यही पेनक्रिएटिक कैंसर की प्राइमरी शुरुआत है. इसे कैंसर का प्राइमरी लक्षण भी कहा जा सकता है.
पेनक्रिएटिक कैंसर के लक्षण समझ लीजिए
हर कैंसर की अलग अलग लक्षण हैं. ब्लड कैंसर के भी कुछ अलग symptoms हैं, जबकि ब्रेन या अन्य अंगों में होने वाले कैंसर के लक्षण अलग होते हैं. ऐसे ही पेनक्रिएटिक कैंसर के लक्षण भी कुछ अलग हैं. इसमें पेट में या आंतों में बहुत तेज दर्द होता है. पेट गड़बड़ करता है और तेजी से वजन भी घटने लगता है. कई बार खून के थक्के भी बन जाते हैं. डॉक्टरों का कहना है कि स्मोकिंग, लंबे समय से डायबिटीज और खराब खान-पान से पेनक्रिएटिक कैंसर होने की संभावना अधिक होती है. स्मोकिंग छोड़कर, हेल्थी डाइट लेकर इस बीमारी के खतरे को काफी कम किया जा सकता है.
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