जॉनसन एंड जॉनसन के पाउडर पर लगी रोक और 73 हजार करोड़ का जुर्माना भी! क्या बच्चों के लिए सेफ नहीं है बेबी पाउडर?
जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी ने कहा- टेलकम पाउडर पर जितने भी आरोप लगे हैं. जिसमें कहा गया है कि इससे कैंसर होता है, उन दावों से निपटने के लिए कंपनी 8.9 डॉलर खर्च करने को तैयार है.
बच्चों का प्रोडक्ट बनाने वाली दुनिया की सबसे फेमस कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन ने हाल ही में एक प्रपोजल रखा है. इस प्रस्ताव में कंपनी ने कहा कि टेलकम पाउडर पर जितने भी आरोप लगे हैं. जिसमें कहा गया है कि इससे कैंसर होता है, उन दावों से निपटने के लिए कंपनी 73 हजार करोड़ खर्च करने को तैयार है. बेबी प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन का हेडक्वॉर्टर न्यू जर्सी में है. कंपनी ने दावा किया है कि कॉस्मेटिक पाउडर पर जितने भी आरोप है. उन केसेस को पैसे से निपटा दिया जाएगा. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अमेरिका की कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन का 73 हजार करोड़ का भुगतान, किसी भी प्रोडक्ट की लायबिलिटी सेटलमेंट से जुड़ा सबसे बड़ा मामला है. जॉनसन एंड जॉनसन बेबी टेलकम पाउडर के ऊपर हजारों मुकदमें दर्ज हैं. साथ ही यह भी आरोप लगाए गए हैं कि जॉनसन के बेबी टेलकम पाउडर यूज करने से बच्चों में कैंसर होता है.
जॉनसन एंड जॉनसन के बेबी पाउडर से होता है कैंसर
जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी पहले से ही बेबी पाउडर से कैंसर होने के आरोप में अमेरिका में हजारों रुपये का जुर्माना चुका रही है. वहीं दूसरी तरफ भारत के बॉम्बे हाईकोर्ट ने पाउडर बनाने का परमिशन तो दे दिया है लेकिन इसे इंडियन मार्केट में बेचने पर रोक लगा दी है.
जॉनसन एंड जॉनसन का एक सरकारी प्रयोगसाला जो कोलकाता में स्थापिक है उसमें जाकर जब जांच की गई तो पाउडर की पीएच वैल्यू से ज्यादा मिली थी. इस पर महाराष्ट्र सरकार ने इस कंपनी का लाइसेंस रद्द कर दिया था. इसके खिलाफ कई मामले को देखते हुए हाईकोर्ट ने इस बेचने पर रोक जारी रखी.
कानूनी लड़ाई से निपटने के लिए कंपनी पैसे देने को तैयार
ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि जब जॉनसन एंड जॉनसन के बेबी प्रोडक्ट के इस्तेमाल से कैंसर का आरोप लगाया गया है. जॉनसन ने इससे पहले भी इन सब के खिलाफ कई लंबी कानूनी लड़ाई भी लड़ी हैं. जिसकी वजह से पहले के मुकाबले जॉनसन बेबी पाउडर प्रोडक्ट के डिमांड में काफी ज्यादा गिरावट भी आई थी. जॉनसन एंड जॉनसन ने कहा था कि साल 2023 अगस्त तक वह बेबी पाउडर के प्रोडक्शन पूरी तरह से बंद कर देगी.
द गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक
पिछले साल अगस्त- सितंबर में 'द गार्जियन' में पब्लिश एक रिपोर्ट के मुताबिक यूएस ड्रग कंट्रोल एजेंसी की एक खास जांच में Johnsan के बेबी पाउडर का एक नमूना लिया गया था. जिसके जांच के बाद पाया गया कि इसमें कार्सिनोजेनिक क्राइसोटाइल फाइबर पाया गया था. जिससे कैंसर होने का खतरा होता है.
टैल्क युक्त और कॉर्नस्टार्च-आधारित बेबी पाउडर हेल्थ के लिए हैं खतरनाक?
जिस तरह माता-पिता अपने बच्चों की त्वचा को सूखा और चकत्ते से मुक्त रखने के लिए बेबी पाउडर का उपयोग करते हैं, उसी तरह कुछ वयस्क अपने जननांगों, भीतरी जांघों, पैरों या शरीर के अन्य हिस्सों में नमी को अवशोषित करने और त्वचा की जलन को रोकने के लिए पाउडर लगाते हैं. कुछ रिसर्च से पता चलता है कि इंटरनल एरिया में टैल्क पाउडर लगाने से डिम्बग्रंथि के कैंसर का खतरा बढ़ सकता है. लेकिन 2020 में प्रकाशित एक बड़े अध्ययन सहित ऐसे कई रिसर्च का समर्थन नहीं करते हैं. इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (IARC) के मुताबिक इंटरनल पार्ट के आसपास टैल्क-आधारित बेबी पाउडर के इस्तेमाल से कुछ नहीं होता है. मेसोथेलियोमा, कैंसर से जुड़ा हुआ है चूंकि एस्बेस्टस एक्सपोजर फेफड़ों के कैंसर से जुड़ा हुआ है. इसलिए बेबी पाउडर में एस्बेस्टस नहीं डाला जाता है.
क्या हेल्थ एक्सपर्ट किसी भी तरह के बेबी पाउडर के इस्तेमाल की सलाह देते हैं?
'अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स' ने लंबे समय से बच्चों पर पाउडर के उपयोग को मना किया है. कई डॉक्टर्स यह भी कहते हैं कि इससे इनहेलेशन कि दिक्कत होती है. साथ हीं कैंसर का जोखिम बढ़ता है. दोनों का कारण टैल्क होता है. लेकिन कॉर्नस्टार्च बेबी पाउडर के बारे में क्या? हेल्थ एक्सपर्ट स्पिनर के मुताबिक अगर आपको दोनों के बीच चुनने को कहा जाएगा तो कॉर्नस्टार्च बेबी पाउडर बेहतर है. वैसे पाउडर से बचकर ही रहना चाहिए.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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