'अमेरिका स्थित दवा  'जॉनसन एंड जॉनसन' ने हाल ही में घोषणा की है कि वह 134 लो और मीडिल इनकम वाले देशों में  'सिर्टुरो' के पेटेंट को लागू नहीं करेगी. 'सिर्टुरो' बेडाक्विलिन ब्रैंड से टीबी का दवा बनाती है. यह दवा मल्टीड्रग है जिससे टीबी का इलाज किया जाता  है. यह कदम कंपनी पर अपनी सफल टीबी के लिए इलाज करने वाली दवा बेडाक्विलिन के दूसरे पेटेंट को आगे नहीं बढ़ाने के ग्लोबर प्रेशर के बाद उठाया गया है. जिसमें भारतीय पेटेंट ऑफिस ने  J&J के बेडाक्विलिन के फ्यूमरेट नमक दूसरे पेटेंट एप्लीकेशन को नामंजूर कर दिया है.बेडाक्विलिन ने टीबी के लिए पहली दवा बनाई थी. जिसे पूरी दुनिया में मंजूरी मिलने में 40 से अधिक साल का वक्त लगा. और यह बेहद पुरानी दवा है जिसे टीवी का इलाज किया जाता है. इसके साइडइफेक्ट्स कम है और यह टीबी के इलाज करने में ज्यादा असरदार है. 


लो इनकम वाले देशों में पेटेंट लागू नहीं करेगी 'जॉनसन एंड जॉनसन' 


यह दवा टीबी से पीड़ित लोगों के लिए बहुत असरदार है. टीवी के मरीजों की संख्या गरीब और लो इनकम वाले देशों में अधिक है. इसलिए पुराने दवा से टीवी के मरीजों का इलाज के लिए सही है. अंतरराष्ट्रीय चिकित्सा मानवतावादी संगठन मेडेसिन्स सैन्स फ्रंटियर्स (एमएसएफ) इस दिशा में काफी ज्यादा काम कर रही है. समूह के बयान में कहा गया है कि J&J द्वारा भारत में अपना एकाधिकार बढ़ाने का प्रयास हारने के बाद, यूक्रेन और बेलारूस के राष्ट्रीय टीबी उपचार कार्यक्रमों ने भी कंपनी से अपने देशों में अपने माध्यमिक पेटेंट को छोड़ने का अनुरोध किया.दक्षिण अफ़्रीकी प्रतिस्पर्धा आयोग की हालिया जांच ने निस्संदेह जे एंड जे पर उनकी घोषणा से पहले महत्वपूर्ण दबाव डाला है.


अगला निशाना जापानी दवा है


समूह ने कहा कि वे अब जापानी फार्मा प्रमुख ओत्सुका को भी इसका अनुसरण करते हुए देखना चाहते हैं और सार्वजनिक रूप से घोषणा करते हैं कि वे अन्य महत्वपूर्ण नई टीबी दवा डेलामानिड के लिए निम्न और मध्यम आय वाले देशों में किसी भी माध्यमिक पेटेंट को लागू नहीं करेंगे, खासकर जब निगम का प्राथमिक पेटेंट है भारत और अन्य देशों में 10 दिनों में समाप्त होने वाला है. डेलामेनिड एक अन्य प्रमुख दवा प्रतिरोधी टीबी दवा है जिसका उपयोग बेडाक्विलिन के साथ संयोजन में किया जाता है. और यह बच्चों के इलाज के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है.कम से कम तीन भारतीय कंपनियों - ल्यूपिन, नैटको और मैकलियोड्स - ने कथित तौर पर कहा है कि वे बेडाक्विलिन के जेनेरिक संस्करण लाने की तैयारी कर रहे हैं.


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.


ये भी पढ़ें: Myth or fact: गुड़-घी, खरबूजा के बिज, तिल... क्या सच में कब्ज से राहत दिलाता है?