बच्चों को भी सता सकता है गठिया का रोग, जान लीजिए इसके प्रकार और लक्षण
Juvenile Arthritis: अगर आपका बच्चा भी सुबह उठते ही हाथों में अकड़न, पीठ में दर्द या जोड़ों में दर्द महसूस करते हैं तो उसे जूवेनाइल अर्थराइटिस की समस्या हो सकती है.
Juvenile Arthritis: अर्थराइटिस जिसे हम आम बोलचाल की भाषा में गठिया कहते हैं. ये बहुत ही दर्दनाक रोग है. इसमें जोड़ों में दर्द सूजन, हाथ पैरों में अकड़न की समस्या हो जाती है वैसे तो इसे बुजुर्गों की बीमारी मानी जाती है लेकिन यह आजकल बच्चों में भी देखी जा रही है. बच्चे भी इस बीमारी के शिकार हो रहे हैं. इसे हम जूवेनाइल इडियोपेथिक अर्थराइटिस के नाम से जानते हैं. ये 16 या उससे कम उम्र के बच्चों में होने वाला एक तरह का रोग है.इस समस्या में मरीज को रोजमर्रा के कामों में दिक्कत हो जाती है. यह एक ऑटोइम्यून बीमारी है जिसमें इम्यून सिस्टम शरीर के अंगों को ही नुकसान पहुंचाने लगता है लड़कों की तुलना में लड़कियों में यह समस्या ज्यादा देखी जाती है.आइए जानते हैं इसके कितने प्रकार होते हैं
जूवेनाइल इडियोपेथिक अर्थराइटिस कितने तरह के होते हैं
ओलिगोआर्टिकुलर- ओलिगोआर्टिकुलर अर्थराइटिस का एक ऐसा प्रकार है जिसमें घुटने और टखने ज्यादा प्रभावित होते हैं. कई बार बच्चों की आंखों पर भी असर पड़ता है.गठिया का ये प्रकार 8 साल से कम उम्र की लड़कियों में ज्यादा होने की संभावना रहती है.
पॉलीआर्टिकुलर- जुवेनाइल अर्थराइटिस में 30 फ़ीसदी बच्चे को पॉलीआर्टिकुलर अर्थराइटिस होता है यह लड़कों की तुलना में लड़कियों को ज्यादा प्रभावित करता है इसमें घुटने टकने और हाथ और पैरों के जोड़ों में दर्द होता है.
एंथोसाइटिस- एंथोसाइटिस जुवेनाइल अर्थराइटिस का ही प्रकार है इसमें रीड की हड्डी आ प्रभावित होती है इस वजह से बच्चे को पेट में दर्द की समस्या हो सकती है यह वाला अर्थराइटिस 6 साल से अधिक आयु के बच्चों को प्रभावित करता है.
सिस्टमिक- सिस्टमिक अर्थराइटिस भी काफी दर्दनाक होता है इस प्रकार के रोग में बच्चे को कम से कम 1 से ज्यादा जोड़ों में सूजन और दर्द होता है. इसके अलावा ह्रदय, लीवर और लिम्फ नोड्स जैसे आंतरिक अंगों में भी सूजन हो सकती है बच्चे को करीब 2 सप्ताह तक बुखार रह सकता है.
सोरियटिक- ये एक इंफ्लेमेंटरी आर्थराइटिस का एक प्रकार है, जिसकी वजह से उंगलियों, पैरों के अंगूठों, घुटनों औऱ पीठ में सूजन हो जाती है और उसके साथ जोड़ों में दर्द भी होता है और वो सख्त हो जाते हैं. इसके इलाज में देरी करने से परेशानी हो सकती है.
जूवेनाइल अर्थराइटिस का इलाज
जूवेनाइल अर्थराइटिस में सूजन और दर्द को कम करने के लिए नॉनस्टेरॉयडल anti-inflammatory ड्रग्स, एंटीरूमेटिक ड्रग्स का इस्तेमाल किया जाता है, इसके अलावा नियमित व्यायाम भी जरूरी है, बच्चों को पौष्टिक आहार खिलाना चाहिए.खान-पान और जीवनशैली में बदलाव करने से इस बीमारी के लक्षणों पर नियंत्रित किया जा सकता है.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
ये भी पढ़ें: Peppermint Tea: वेट लॉस में मददगार साबित हो सकती है 'पुदीने की चाय', इसको पीने के हैं कई फायदे
Check out below Health Tools-
Calculate Your Body Mass Index ( BMI )