Kalawa Rules: हिंदुओं में हाथ में लाल धागा बांधना शुभ माना जाता है. लोगों का ऐसा मानना है कि लाल धागे से बुरी शक्तियों से इंसान बच जाता है. लेकिन इस बात में आखिर कितनी सच्चाई है, आज इस लेख मे हम आपको बताएंगे. ज्यादातर किसी के घर में पूजा हो या मंदिर में पंडित जी सभी लोग जिसका हाथ खाली हो या फिर धागा पुराना हो गया हो उसको बदलकर नया कलावा बांध देते हैं. तो चलिए आपको बताते है कि इस बात में कितनी सच्चाई है कि लाल धागा या कलावा बुरी शक्तियों से बचाता है, या ये सिर्फ आपका वहम है.
कलावा बांधने से क्या सच में बुरी शक्तियों से बचता है इंसान
कलावे को लेकर ऐसा कहा गया है कि इसे बांधने से भगवान ब्रह्मा, विष्णु और महेश इसके अलावा लक्ष्मी, पार्वती और सरस्वती की कृपा बनी रहती है. कलावे को बांधने से आप हमेशा बुरी नजर से बचतें हैं. इसको बांधने से स्वास्थ्य में भी बरकत होती है. कलावे बांधने के भी कई नियम होते है. शास्त्रों के अनुसार कहा गया है कि जिन लड़कियों की शादी नहीं हुई होती है उनको सीधे हाथ में कलावा बांधना चाहिए. साथ ही जब भी आप कलावा बंधवायें तो आपका दूसरा हाथ अपने सिर पर होना चाहिए.
बीमारियों से भी बचाता है कलावा
शास्त्रों के अनुसार कलावा बांधने से आप जल्दी बीमार भी नही पड़ते हैं. ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, लकवा जैसी गंभीर बीमारियों से भी कलावा बचाने में सहायक माना जाता है. आपने ज्यादातर देखा होगा कि कलावे का रंग लाल होता है. ऐसा इसीलिए होता है क्योंकि कलाई में लाल रंग पहनने से कुंडली में मंगल ग्रह मजबूत होता है. ज्योतिष के अनुसार मंगल ग्रह का शुभ रंग लाल होता है. इसलिए कलावा बांधना सेहत के लिए भी काफी शुभ होता है.
कलावा बांधने के क्या है साइंटिफिक रीजन
साथ ही विज्ञान के अनुसार ऐसा माना जाता है कि शरीर के ज्यादातर अंगों तक पहुंचने वाली नसें कलाई से होकर गुजरती हैं. कलाई पर कलावा बांधने से इन नसों की क्रिया नियंत्रित रहती हैं. इससे वात, पित्त और कफ की अनुकूलता बनी रहती है. माना जाता है कि कलावा बांधने से ब्लड प्रेशर, हृदय संबंधी रोग, डायबिटीज और पैरालिसिस जैसे रोगों से बचाने में यह मदद करता है.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.