छठ पूजा महापर्व जल्द आने वाला है. इसको लेकर हर तरफ तैयारियां शुरू है. छठ पूजा के दौरान आप नदी, तालाब में पूजा करने की सोच रहे हैं. इन टिप्स को जरूर फॉलो करें.  तो  इससे आपकी त्वचा की कोशिकाओं को नुकसान हो सकता है. त्वचा में जलन हो सकती है और एटोपिक डर्मेटाइटिस हो सकता है.


खासकर अगर आप दिल्ली में रहते हैं और यमुना नदीं में छठ करने जा रहे हैं. जरूर इन टिप्स को फॉलो करें. क्योंकि इसमें अभी विषैले झाग मौजूद हैं. स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने त्यौहार मनाने के लिए डुबकी लगाने की योजना बना रहे श्रद्धालुओं को चेतावनी दी है. विषैला झाग आपकी त्वचा को कैसे प्रभावित करता है? नदी के विषैले झाग में नहाने से त्वचा रूखी हो सकती है और गंभीर एक्जिमा हो सकता है.


यमुना नदी जहरीली होती जा रही है


औद्योगिक प्रदूषण के कारण यमुना नदी में अमोनिया और फॉस्फेट का स्तर खतरनाक दर से बढ़ रहा है. जिससे कई जगहों पर खतरनाक झाग बन रहे हैं .मीडिया से बात करते हुए, प्रमुख त्वचा विशेषज्ञ डॉ. दीपाली भारद्वाज ने कहा कि इस खतरनाक झाग के संपर्क में आने से त्वचा की एलर्जी, जलन और कई तरह की त्वचा रंजकता हो सकती है.


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उन्होंने आगे कहा कि जिन लोगों के परिवार में मधुमेह और थायरॉयड जैसी ऑटोइम्यून बीमारियों का इतिहास है. उन्हें निश्चित रूप से यह पहले और विभिन्न रूपों में हो सकता है. इसके अलावा, पानी में औद्योगिक प्रदूषण के कारण विटिलिगो या अन्य ऑटोइम्यून बीमारियां हो सकती हैं. उन्होंने कहा त्वचा कैंसर भी हुआ है. इसके अलावा टीबी, वायरल मस्से आदि जैसे सामान्य जीवाणु और वायरल संक्रमण भी हुए हैं, जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकते हैं.


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यमुना में मौजूद जहरीला झाग आपके फेफड़ों को भी गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा सकता है. यदि इस पानी में अमोनिया की उच्च सांद्रता है, तो ये रसायन फेफड़ों को गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं और जठरांत्र संबंधी समस्याओं और टाइफाइड जैसी बीमारियों का कारण बन सकते हैं. उन्होंने आगे कहा, सीसा, पारा और आर्सेनिक जैसी भारी धातुओं के लंबे समय तक संपर्क में रहने से बाल झड़ सकते है. हार्मोनल इनबैलेंस भी हो सकते हैं. 


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