AI Ogler App: अब तक आप आंखों में दर्द जलन या फिर दृष्टि से जुड़ी शिकायत को लेकर डॉक्टर के पास चेकअप के लिए जाया करते थे लेकिन अब आपका यह काम आसान होने वाला है. अब घर बैठे ही आप ऐप के जरिए स्कैनिंग करके आंखों की बीमारियों का पता लगा सकते हैं.दरअसल ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि दुबई में एक 11 साल की भारतवंशी छात्रा ने AI  आधारित एक ऐप तैयार किया है. जिसमें स्कैनिंग के माध्यम से आंखों की बीमारियों का पता लगाया जा सकता है. इस ऐप को बनाने वाली छात्रा का नाम लीना रफीक है. वो मूल रूप से केरल की रहने वाली है.


इन बीमारियों का पता लगाया जा सकता है


लीना ने लिंकडइन पर ऑग्लर स्कैन नाम की ऐप की जानकारी शेयर की है. लीना का दावा है कि इस ऐप की मदद से आंखों की बीमारियों जैसे मेलानोमा, मोतियाबिंद,पार्टोगियम जैसी बीमारियों का पता लगाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है.


कैसे काम करता है ऐप


एडवांस कंप्यूटर विजन, मशीन लर्निंग एल्गोरिथम्स का इस्तेमाल कर ऑग्लर लाइट, दूरी और कलर्स जैसे पैरा मीटर को एनालाइज कर आंखों की जांच करता है. ऑगलर ये भी पता लगाता है कि आंखें सही तरीके से स्कैनर फ्रेम में फिट हुई थी या नहीं. स्कैन क्वालिटी देखने  होने के बाद ये AI एप्लीकेशन ट्रेंड मॉडल का उपयोग कर आंखों की बीमारियां जांचता है. वही ऑग्लर की एक्योरेसी को लेकर रफीक ने लगभग 70 फ़ीसदी सटीकता का दावा किया है. लीना बताती हैं कि कंप्यूटर विजन, एल्गोरिदम, मशीन लर्निंग मॉडल, आंखों की स्थिति और एप्पल आईओएस के एडवांस लेवल एप डेवलपमेंट को सीखने और समझने में उन्हें 6 महीने का वक्त लगा. फिलहाल लीना इस ऐप को और भी बेहतर तरीके से बनाने पर काम कर रही है.लीना ने जानकारी देते हुए बताया कि उसका ऐप वर्तमान में एप स्टोर पर अंडर रिव्यू है और उसे उम्मीद है कि इसे जल्द ही सूचीबद्ध किया जाएगा.


क्या है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस


आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का मतलब होता है एक मशीन में सोचने समझने और फैसला लेने की क्षमता का विकास करना. यह कंप्यूटर साइंस से एडवांस रूप माना जाता है यानी कि कंप्यूटर का ऐसा दिमाग जो इंसानों की तरह सो.च सके.


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीके और सुझाव प्रफेशनल्स द्वारा दिए गए इनपुट्स पर आधारित हैं. इन्हें अमल करने से पहले संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.


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