Kidney Treatment: किडनी बॉडी का महत्वपूर्ण पार्ट है. बॉडी में बनने वाले टॉक्सिंस को बाहर निकालने का काम करती है. इसके अलावा ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने, हड्डियों के स्वास्थ्य और रेड ब्लड सेल्स का उत्पादन और जरूरी हार्माेन के उत्पादन करने के लिए जिम्मेदार हैं. जब किडनी सही ढंग से काम नहीं कर रही होती हैं ताो टॉक्सिंस बॉडी में ही रहने लगते हैं. इसका असर लिवर, लंग्स समेत अन्य आर्गन पर देखने को मिलता है. किडनी खराब होने का एक बड़ा नुकसान ये भी है कि इससे केवल किडनी की ही बीमारी नहीं रहती. अन्य बीमारियां भी बॉडी मेें घर बनाने लगती हैं. 9 मार्च को वर्ल्ड किडनी डे मनाया जाता है. किडनी रोगों को लेकर अवेयर होना जरूरी है.
ये हो सकती हैं बीमारियां
डॉक्टरों का कहना है कि हार्ट डिसीजन, हाइपरटेंशन समेत अन्य रोगों को लेकर तो किडनी पेशेंट परेशान हो जाते हैं, जबकि किडनी की बीमारी को कई बार लोग गंभीरता से नहीं लेते हैं. पीठ में दर्द होने, पेशाब मं परेशानी आने पर ही किडनी की बीमारी की ओर ध्यान दिया जाता है. लेकिन लोगों का यह व्यवहार बेहद लापरवाही भरा है. क्रोनिक किडनी डिसीज किडनी की ऐसी ही गंभीर बीमारी है. इसमें किडनी बॉडी के जहरीले टॉक्सिंस को फिल्टर ही नहीं कर पाती है. इस कारण हाई ब्लड प्रेशर, एनीमिया, हड्डी रोग और हार्ट डिसीज की समस्या भी हो सकती है.
इस वजह से खराब हो जाती है किडनी
किडनी खराब होने के पीछे कई कारक जिम्मेदार होते हैं. ब्लड प्रेशर, डायबिटीज किडनी के लिए खतरनाक हो सकता है. इसकी समय पर जांच कराते रहें, यूरिन बार बार जा रहे हैं, यूरिन में झाग बन रहा है तो यह भी किडनी खराबी का संकेत है. किडनी पेशेंट का हीमोग्लोबिन लेवल बेहद कम हो जाता है. इसके पीछे वजह होती है कि किडनी ब्लड बनाने मेें भी सहयोग करती है. हाथ-पैरों में सूजन आने पर किडनी की जांच जरूर करा लेनी चाहिए.
क्या बरतें सावधानी
किडनी को हेल्दी बनाए रखने के लिए लाइफ स्टाइल में सुधार बेहद जरूरी होता है. हमारा खान पान बेहतर होना चाहिए. अधिक नमक और तैलीय भोजन खाने से परहेज करना चाहिए. रेग्यूलर एक्सरसाइज करें, साथ ही स्मोकिंग और शराब नहीं पीनी चाहिए. प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए. यदि परिवार में किडनी की समस्या चली आ रही है तो नियमित किडनी फंक्शन टेस्ट कराने पर विचार करना चाहिए.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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