वाशिंगटनः एक नये अध्ययन में यह कहा गया है कि वायु प्रदूषण से मनुष्य में किडनी की बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है और किडनी खराब भी हो सकती हैं.
क्या कहती है रिसर्च-
बहुत पहले से ही वायु प्रदूषण को हार्ट डिजीज़, स्ट्रोक, कैंसर, अस्थमा और सीओपीएस से जोड़ा जाता रहा है. अमेरिका के वाशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं के इस नये अध्ययन के बाद अब इन बीमारियों की सूची में किडनी रोग भी शामिल कर लिया गया है.
कैसे की गई रिसर्च-
शोधकर्ताओं ने किडनी की बीमारियों में वायु प्रदूषण के प्रभाव का पता लगाने के लिये करीब साढ़े आठ साल तक रिसर्च की. 2004 में शुरू की गई इस रिसर्च में करीब 25 लाख लोगों को शामिल किया गया.
शोधकर्ताओं ने किडनी रोग से संबंधित एक कार्यक्रम में अमेरिका के ‘एनवायरनमेंटल प्रोटेक्शन एजेंसी’ (ईपीए) और नासा द्वारा जुटाये गये वायु गुणवत्ता के स्तरों तुलना की.
रिसर्च के नतीजे-
रिसर्च के नतीजों में में पाया गया कि किडनी की बीमारी के 44,793 नये मामले और किडनी फेल्योर के 2,438 मामलों में वायु प्रदूषण के स्तर को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है, जो ईपीए के 12 माइक्रो ग्राम प्रति घन मीटर की सीमा से बहुत अधिक है. ये इंसान के लिये सुरक्षित माने जाने वाले वायु प्रदूषण का उच्चतम स्तर है.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट-
वाशिंगटन विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर ज़ियाद अल-अली ने बताया कि मनुष्य में वायु प्रदूषण और किडनी रोग के बीच संबंधों पर आंकडे बहुत कम हैं.
जर्नल ऑफ द अमेरिकन सोसाइटी ऑफ़ नेफ्रोलॉजी में प्रकाशित अध्ययन’ के वरिष्ठ लेखक अल-अली ने कहा कि हमने आंकड़ों का विश्लेषण किया, जिसमें वायु प्रदूषण और किडनी की बीमारियों के बीच स्पष्ट संबंध पाया गया.
उन्होंने कहा कि वायु प्रदूषण के कारण किडनी को नुकसान होता है. इसके अलावा वह हार्ट और फेफड़ों जैसे अन्य अंगों को नुकसान पहुंचाते हैं.
नोट: ये रिसर्च के दावे पर हैं. ABP न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता. आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें.