Kidney Disease Symptoms: किडनी की बीमारी होना सबसे कॉमन रोगों मेें से एक है. जरा सी लापरवाही कई बार किडनी पर भारी पड़ती है. किडनी में बने स्टोन को अनदेखा करना, दर्द होने पर पेनकिलर खा लेना, यूरिन समय पर न जाना किडनी को बीमार कर देते हैं. धीरे धीरे बीमार हो रही किडनी क्रोनिक कंडीशन में बदल जाती है. इसे क्रोनिक किडनी डिजीज (सीकेडी) भी कहा जाता है. इसमें मरीज को खासी परेशानी होती है. अन्य बीमारियों की तरह किडनी भी बीमार होने से पहले कई लक्षण शो करती है. बस समय रहते उन्हें पहचानने की जरूरत है. कई बार लक्षण दूसरी बीमारियों से ओवरलैप हो जाते हैं. इसको लेकर डाउट नहीं होना चाहिए. कुछ लक्षण किडनी और डायबिटीज व अर्थराइटिस में कॉमन होते हैं. उन्हें समय रहते पहचानना चाहिए. 


किडनी के लक्षणों को पहचानिए


भूख की कमी होना, पेट भरा सा रहना, जी मिचलाना, उल्टी आना, थकान रहना, नींद न आना, यूरिन कम और और मसल्स में ऐंठन होना शामिल है. ये लक्षण आमतौर पर किडनी मेें परेशानी होने पर देखने को मिलते हैं. इसके अलावा कुछ लक्षण ऐसे हैं, जोकि अन्य रोगों में भी देखने को मिलते हैं, लोग इसे दूसरी बीमारी मान इग्नोर करते रहते हैं. 


डायबिटीज में अधिक पेशाब आना


आमतौर पर यही माना जाता है कि रात या दिन में अधिक बार यूरिन के लिए जा रहे हैं तो यह डायबिटीज की समस्या हो सकती है. लेकिन यहां व्यक्ति किडनी पर ध्यान नहीं देता है. जबकि रात हो या दिन अधिक यूरिन आना किडनी में गड़बड़ी का एक इंडीकेशन है. किडनी के फिल्टर डैमेज होने पर यूरिन करना अधिक हो सकता है. कई बार ये यूरिन इन्फेक्शन और प्रोस्टेट बढ़ने के कारण भी हो सकता है.  


अर्थराइटिस में जोड़ों पर सूजन


ऐसा ही दूसरा मामला देखने को ये मिलता है. टखने या जोड़ों में सूजन अर्थराइटिस की वजह से देखने को मिलती है. लेकिन यहां सूजन का बड़ा कारण किडनी भी हो सकती है. पेशेंट अर्थराइटिस समझकर इलाज कराता रहता है. इससे लाभ नहीं होता है. कई बार लिवर डिसीज, पैरों की नसों में परेशानी होने पर भी ये दिक्कत बन जाती है. 


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.


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