नई दिल्लीः इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) का कहना है कि 13% पुरुषों और 7% महिलाओं में किडनी स्टोन की समस्या पाई जाती है. क्या आप जानते हैं दिनभर में पेय पदार्थो का सेवन बढ़ाने से किडनी स्टोन के बार-बार होने का जोखिम आधा रह जाता है और इसके कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होते. रिसर्च से पता चलता है कि किडनी स्टोन वाले लोगों में क्रोनिक किडनी डिजीज़ होने का काफी ज्यादा खतरा रहता है.


क्या कहते हैं एक्सपर्ट-
आईएमए के अध्यक्ष डॉ. के. के. अग्रवाल ने कहा कि शरीर में पानी की कमी किडनी स्टोन का मुख्य कारण है. यूरिक एसिड (मूत्र का एक घटक) पतला करने के लिए पर्याप्त पानी चाहिए होता है और ऐसा न होने पर यूरिन ज्यादा एसिडिक बन जाता है. ये एसिड किडनी स्टोन बनने का कारण होता है.


जब यूरिन से बाहर निकलते हैं स्टोन-
कुछ मामलों में ये स्टोन इतने छोटे हो सकते हैं कि यूरिन के साथ बाहर निकल जाते हैं और व्यक्ति का इस ओर ध्यान भी नहीं जाता. हालांकि, इस प्रक्रिया में अत्यधिक दर्द हो सकता है. अगर किडनी स्टोन शरीर के अंदर रहती है, तो वे अधिक मुश्किलें खड़ी कर सकती है. जैसे यूरिन की रुकावट.


किडनी स्टोन के लक्षण-
किडनी स्टोन के लक्षण तब शुरू होते हैं जब वे यूरेटर की ओर जाते हैं. इसके सामान्य लक्षणों में यूरिन ट्यूब के आसपास  तेज दर्द, यूरिन में ब्लड, उल्टी और मितली, ब्लैडर में व्हाइट ब्लड सेल्स या पस पड़ना, यूरिन की मात्रा में कमी, यूरिन के समय जलन, बार-बार यूरिन आना और बुखार और ठंड लगना प्रमुख हैं.


किडनी स्टोन का खतरा-




  • कुछ दवाएं किडनी स्टोन के खतरे को बढ़ा सकती हैं. विटामिन-डी और कैल्शियम की खुराक लंबे समय तक लेने पर कैल्शियम का स्तर बढ़ जाता है. गुर्दे की पथरी के लिए यह भी एक कारक हो सकता है.

  • प्रोटीन और सोडियम अधिक और कैल्शियम का कम सेवन भी इसका एक कारक हो सकता है.

  • एक जगह बैठे रहने और मोटापे के अलावा हाई ब्लड प्रेशर और कैल्शियम का शरीर में ऑब्जर्व कम होने से भी पथरी हो सकती है.


किडनी स्टोन को रोकने के उपाय-




  • किडनी स्टोन से बचने का एक अच्छा तरीका है कि लिक्विड पदार्थो का अधिक सेवन किया जाए. कम पानी पीने से पथरी हो सकती है.

  • डायट में नमक की मात्रा कम करें. यूरिन में साल्ट बढ़ने से कैल्शियम की यूरिन से ब्लड में दोबारा ऑब्जर्व करने का प्रोसेस धीमा होता जाता है और किडनी स्टोन हो सकता है.

  • ऑक्सलेट वाले खाद्य पदार्थो को सीमित करें. आमतौर पर चॉकलेट, बीट्स, नट्स, पालक, स्ट्रॉबेरी, चाय और गेहूं की चोकर में ऑक्सलेट अधिक पाया जाता है.

  • एनिमल प्रोटीन कम खाएं. एनिमल प्रोटीन में एसिड अधिक होता हैं और यूरिक एसिड में वृद्धि होती है. हाई यूरिक एसिड से पथरी बन सकती है.


नोट: ये रिसर्च के दावे पर हैं. ABP न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता. आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें.