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World Hepatitis Day 2023: आखिर वैक्सीन होने के बाद भी क्यों 'खतरनाक' है हेपेटाइटिस की बीमारी, ये जानना आपके लिए है जरूरी
जानलेवा कही जाने वाली हेपेटाइटिस बीमारी में लिवर खराब हो जाता है. अगर इसके शुरूआती लक्षणों को पहचान लिया जाए तो स्थिति गंभीर होने की बजाय काबू में आ सकती है.
World Hepatitis Day 2023: स्वस्थ शरीर के लिए जरूरी है कि हमारा शरीर बीमारियों से ल़ड़ने के लिए सशक्त बना रहे. लेकिन कुछ बीमारियां ऐसी हैं जो वैक्सीन होने के बावजूद कभी कभी शरीर के लिए जान का खतरा बन जाती है. इन्हीं में से एक है हेपेटाइटिस की बीमारी. हेपेटाइटिस दरअसल लिवर से जुड़ी गंभीर बीमारी है और हर साल वैक्सीन उपलब्ध होने के बावजूद लाखों लोग इसकी चपेट में आ जाते हैं. विश्व भर में आज हेपेटाइटिस दिवस (World Hepatitis day 2023)मनाया जा रहा है और इस मौके पर आपको बता रहे हैं कि क्यों ये बीमारी जान का खतरा पैदा करती है और इसके लक्षण क्या क्या हो सकते हैं.
क्या है हेपेटाइटिस की बीमारी
हेपेटाइटिस की बीमारी हेपेटाइटिस नामक वायरस की वजह से होती है और इसके चलते लिवर को काफी नुकसान पहुंचता है. इस बीमारी में हेपेटाइटिस वायरस लिवर को संक्रमित करता है और लिवर में सूजन आ जाती है. देखा जाए तो हेपेटाइटिस वायरस पांच तरह का होता है जिसमें ए, बी, सी, डी और ई शामिल है. लेकिन इन सभी वायरस में हेपेटाइटिस बी और सी सबसे खतरनाक साबित होते हैं और हर साल इन दोनों की वजह से लाखों लोगों की जान चली जाती है. इस बीमारी में शरीर का इम्यून सिस्टम यानी प्रतिरोधक क्षमता लिवर को बचाने की बजाय उस पर ही हमला करके उसे डैमेज कर डालती है. इसमें लिवर में सूजन आती है और लिवर खराब हो जाता है. ज्यादा गंभीर स्थिति में लिवर फेलियर और लिवर कैंसर भी व्यक्ति की जान का दुश्मन बन जाता है. आपको बता दें कि ज्यादा शराब के सेवन से भी हेपेटाइटिस होने के सबसे ज्यादा चांस होते हैं.
हेपेटाइटिस के लक्षण
हेपेटाइटिस के लक्षणों में शुरूआत में लिवर में हल्की सूजन आती है लेकिन बाहरी तौर पर उसका पता नहीं चलता. ऐसे व्यक्ति को हल्का बुखार रहने लगता है. इस दौरान भूख कम हो जाती है या मर जाती है. इसके अलावा पेट में लगातार दर्द बने रहना, थकान हावी रहना, शरीर का रंग पीला पड़ जाना भी हेपेटाइटिस बीमारी के लक्षण हैं. इतना ही नहीं इस बीमारी मरीज के यूरिन का रंग गहरा हो जाता है.
जानकारी का आभाव बन जाता है जानलेवा
यूं तो हेपेटाइटिस के टीके के जरिए इस जानलेवा बीमारी से बचा जा सकता है. बच्चे के दस साल का होने पर हेपेटाइटिस की वैक्सीन लगती है. लेकिन लापरवाही और जानकारी के अभाव में जो लोग इस टीके से वंचित रह जाते हैं वो आगे जाकर इस जानलेवा बीमारी की चपेट में आ सकते हैं. इसलिए हेपेटाइटिस वैक्सीन के समय और खुराक को ध्यान में रखना जरूरी है.
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