वैसे तो भारत में कई ऐसी जगह हैं जहां का प्राकृतिक सौंदर्य लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है. उत्तर से लेकर दक्षिण तक भारत अपनी प्राकृतिक खूबसूरती के लिए विश्व विख्यात है. ऐसे ही केरल राज्य के जंगलों में पाए जाने वाले नीलकुरिंजी फूलों का इतिहास है. नीलकुरिंजी एक सुंदर फूल है जो दक्षिणि भारत के कुछ विषेश क्षेत्रों में हर 12 साल बाद खिलता है. इसका वैज्ञानिक नाम "स्ट्रोबिलैंथेस कुंथियाना" है.
यह फूल नीलगिरी शिखरों और पहाड़ियों को पूरी तरह से नीला बना देता है इसलिए इसे "नीलकुरिंजी" कहा जाता है, जिसका अर्थ होता है "नीला फूल". लेकिन क्या आपको पता है कि सुंदरता के साथ-साथ ये फूल हमारे सेहत के लिए भी कितना फायदेमंद होता है. नीलकुरिंजी ना केवल देखने में ही सुंदर होता है बल्कि इसके प्राकृतिक गुण आपके सेहत के लिए कई प्रकार से फायदेमंद हो सकते हैं. आइए जानते हैं नीलकुरिंजी के फायदों के बारे में.
नीलकुरिंजी का सेवन आपके स्वास्थ्य के लिए कई तरह से फायदेमंद हो सकता है. यहां कुछ प्रमुख फायदे हैं-
1. एंटीऑक्सीडेंट गुण
नीलकुरिंजी में मौजूद प्रमुख रसायन और फाइटोकेमिकल्स, जैसे कि फ्लावोनॉयड्स और ऐंथोसियनिन्स, एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होते हैं ये आपके शरीर में फ्री रेडिकल्स के प्रभाव को कम करने में मदद करते हैं और आपके इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते हैं.
2. एंटी-इंफ्लेमेशन
नीलकुरिंजी में प्राप्त एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण संग्रहशील होते हैं जो सूजन और प्रतिरोधक तंत्र की समस्याओं को कम करने में मदद करते हैं. इसका सेवन आर्थराइटिस, रूमेटिज्म और अन्य शारीरिक दर्द में आराम प्रदान कर सकता है.
3. तनाव और चिंता
नीलकुरिंजी में एक प्रमुख गुण है कि यह तनाव और चिंता को कम करने में मदद करता है. इसका सेवन आपके मानसिक स्थिति को सुधारता है और आपको शांति और सुखद अनुभव प्रदान करता है.
4. डायजेस्टिव सिस्टम
नीलकुरिंजी के प्रभाव से आपके डायजेस्टिव सिस्टम को भी फायदा मिल सकता है. ये आपके पेट में जलन, गैस और कब्ज़ जैसी समस्या को दूर कर सकता है.
5. स्किन हेल्थ
इस फूल में प्राप्त एंटीऑक्सीडेंट गुण और एंटी-इंफ्लेमेशन गुण आपके त्वचा के लिए भी फायदेमंद होते हैं. ये आपकी स्किन को साफ करने में, त्वचा के दाग-धब्बे को हटाने में और स्किन चमकदार बनाने में मदद करता है.
हालांकि, इस बात का खास ध्यान दें कि इसको ज्यादा इस्तेमाल ना करें और अगर आप इसको पहली बार इस्तेमाल कर रहें हैं तो एक बार अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें. हर्बल चीजों का इस्तेमाल सुरक्षित और अनुकूल मात्रा में करना बेहद महत्वपूर्ण होता है. सामान्य तौर पर नीलकुरिंजी प्राकृतिक सुंदरता का एक प्रमुख उदाहरण है जो स्वस्थ जीवनशैली का एक हिस्सा हो सकता है. इसका फायदा अनुभव करने के लिए आप इस फूल को बहुत सारे पानी के साथ पिएं या फिर इसका काढ़ा बनाकर पिएं नहीं तो आप इसका सेवन अपने अनुसार किसी अन्य तरीके से भी कर सकते हैं.
नीलकुरिंजी को खिलने में 12 साल क्यों लग जाते हैं?
एक्सपर्ट्स बताते हैं कि नीलकुरिंजी के फूलों को परागित होने में लंबा समय लगता है, इसलिए इसे खिलने में 12 साल तक का समय लग जाता है. इस ड्यूरेशन को जीवित रहने की क्रियाविधि के रूप में भी जाना जाता है