Hurry Sickness: यूं तो कहा जाता है कि किसी भी काम को आराम से करना चाहिए ताकि काम परफेक्ट हो सके. लेकिन कुछ लोग हर काम मिशन की तरह करते हैं. खाना,नहाना, पीना, कहीं पहुंचना या किसी काम को करना, ये लोग हर काम में गजब की जल्दबाजी दिखाते हैं. ये लोग हर काम को करते हुए जल्दबाजी और हड़बड़ी में दिखते हैं, मानों जरा सा समय निकलते ही इनकी ट्रेन निकल जाएगी.


दरअसल हर वक्त जल्दबाजी की आदत एक मेडिकल कंडीशन है जिसे hurry sickness कहा जाता है.देखा जाए तो ये मेडिकल कंडीशन कोई बीमारी नहीं है लेकिन ये कई तरह की परेशानियों का कारण जरूर बन सकती है. चलिए जानते हैं इसके बारे में.


क्या है Hurry Sickness        
Hurry sickness दरअसल ऐसी अवस्था है जिसमें व्यक्ति हर काम को करने में जल्दबाजी दिखाता है. वो किसी भी काम को करते वक्त चिंता या हड़बड़ी महसूस करता है. जब तक वो जल्दी से उस काम को कर नहीं लेता, तब तक बैचेन रहता है. यहां तक कि अगर किसी काम की जल्दी नहीं है तो भी व्यक्ति उस काम को जल्दी में करने की चिंता में रहता है. ऐसे लोग खाना भी बहुत जल्दी खाते हैं और कहीं पहुंचना हो तो भी समय से पहले ही पहुंच जाते हैं.


इसका सबसे बड़ा असर दिमाग और सेहत पर तब पड़ता है जब जल्दी जल्दी काम करने पर शरीर और दिमाग थक जाता है. जल्दबाजी बरतने की ये आदत ही hurry sickness कहलाती है. ऐसे लोग मजबूरी में ही सही लेकिन हर काम को जल्दी खत्म करने की फिराक में रहते हैं. इनको अजीब सी बैचेनी रहती है और ये हमेशा घोड़े पर सवार रहते हैं.


Hurry sickness के लक्षण  
ऐसे लोग हर काम को जल्दी खत्म करने की कोशिश करते हैं.किसी काम में देरी होने पर इनके मूड में चिड़चिड़ापन आ जाता है. कई बार ये बात खत्म करने के लिए दूसरों को बीच में ही टोक देते हैं. हर काम को मिशन या टास्क समझते हैं. खाना खाने में भी जल्दबाजी दिखाते हैं.


ऐसे लोग हमेशा बेचैन रहते हैं. इनको नींद संबंधी परेशानियां पैदा हो जाती हैं. इसके परिणामस्वरूप इनकी सेहत पर बुरा असर पड़ने लगता है. थकान होना, डिप्रेशन, तनाव रहना, सांस फूलना, घबराहट महसूस होना और बार बार पेट खराब होना इसका परिणाम हो सकता है. ऐसे लोग के दिल और दिमाग पर हमेशा तनाव हावी रहता है. आपको बता दें कि hurry sickness अगर बढ़ जाए तो व्यक्ति को दिल संबंधी बीमारियों के साथ साथ डिप्रेशन का भी शिकार बना सकती है. ऐसे लोगों का नर्वस सिस्टम हमेशा प्रेशर में रहता है.


कैसे होगा बचाव
अगर कोशिश की जाए तो आप इस मेडिकल कंडीशन को दुरुस्त कर सकते हैं. हरी सिकनेस को दूर करने के लिए मेडिटेशन कारगर साबित हो सकता है. लाइफस्टाइल में हेल्दी बदलाव करने चाहिए. अपनी हॉबी पर फोकस करें. खाली समय में ध्यान लगाएं. ऐसे में मन को शांत करने की कोशिश आपकी काफी हद तक मदद कर सकती है.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें. 


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