Laughing Therapy: कोरोना के बाद से ही लोग मेंटल हेल्थ प्रॉब्लम से जूझ रहे हैं.ये दिमाग पर बुरा प्रभाव छोड़ कर गया है, अब तक लोग मानसिक समस्या से जूझ रहे हैं. कोरोना संक्रमण से तंत्रिका तंत्र बहुत क्षतिग्रस्त हुआ है. कोरोना से रिकवर होने के बाद लोगों को कई तरह की दिमागी बीमारियां भी हो रही है, इससे उनकी याददाशत और सोचने समझने की क्षमता पर सबसे ज्यादा असर पड़ रहा है.इसका एक ही इलाज है,सिर्फ खुश रहना .हंसी को दुनिया की सबसे अच्छी दवा माना जाता है और यह सच भी है विशेषज्ञ भी इस बात पर सहमति जताते हैं. हंसी लोगों को जोड़ने और तरोताजा रखने के अलावा मानसिक मुद्दों के लिए भी एक अच्छा एंटीडोट के रूप में कार्य करती है.
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार हंसी एक सकारात्मक सेंसेशन है और यह तनाव को दूर रखने का एक उपयोगी और स्वास्थ्य तरीका है.लाफ्टर थेरेपी तनाव और डिप्रेशन के लिए एक गैर आक्रमक और गैर औषधीय उपचार है. एक्सरसाइज के वक्त हंसी को शामिल करने से वृद्ध वयस्कों के मानसिक स्वास्थ को अच्छा बनाता है.ये आपको केंद्रित और ग्राउंडेड रखने में मदद कर सकता है. हंसी आपके भावनात्मक स्वास्थ्य का समर्थन करने में बहुत बड़ी भुमिका निभाती. डॉ नायडू ने एक इंस्टाग्राम पोस्ट में मानसिक स्वास्थ्य पर हंसने के ऐसे पांच लाभों को साझा करते हुए जानकारी दी है.
हंसने के फायदे
- हंसने से आपकी ऊर्जा बढ़ती है और आप सक्रिय रहते हैं.
- हंसने से आपका इम्यूनिटी भी बढ़ता है.
- तनावग्रस्त महसूस करते हैं तो हँसें क्योंकि यह एक संपूर्ण स्ट्रेस बर्सटर है.
- यह एंडोर्फिन के उत्पादन में भी वृद्धि करता है -ये एक केमिकल है जो दर्द या तनाव से निपटने के लिए तंत्रिका तंत्र द्वारा उत्पादित किया जाता है.
एक अन्य विशेषज्ञ के मुताबिक भी हंसने से सेरोटोनिन का उत्पादन करता है, जो चिंता, खुशी और मनोदशा को नियंत्रित करता है.लाफ्टर थेरेपी किसी के तनाव,अवसाद और चिंता को कम करने में मददगार साबित हुई है.ये आत्म-सम्मान में भी सुधार कर सकता है. जब लोग हंसते हैं तो शरीर के खुद के फील-गुड हार्मोन, एंडोर्फिन रिलीज होते हैं. एंडोर्फिन खुशी की भावना को बढ़ावा देते हैं और अस्थायी रूप से दर्द से राहत भी दे सकते हैं. हंसने से हमारे रक्तप्रवाह में कोर्टिसोल, एपिनेफ्रीन, ग्रोथ हार्मोन और 3 से 4 डायहाइड्रो-फेनिलएसेटिक एसिड जैसे तनाव हार्मोन कम हो जाते हैं, जबकि मस्तिष्क में अत्यधिक मांग वाले ऑक्सीटोसिन, सेरोटोनिन और एंडोर्फिन रसायनों में वृद्धि होती है. ये मानसिक और हृदय स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डालता है, रक्तचाप को कम करता है और प्रतिरक्षा प्रणाली में भी सुधार करता है.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है.इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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