'शवासन' जिसे कॉर्पस पोज भी कहा जाता है. यह आसन आपको तनाव से दूर रखने में मदद करता है. आज की भागदौड़ भरी लाइफ में खुद को तनाव से दूर रखना बेहद मुश्किल है, लेकिन अगर आप नियमित तौर पर शवासना करते हैं तो आप खुद को तनावमुक्त और तरोताजा रख सकते हैं. दिनभर काम करने के बाद शारीरिक और मानसिक तनाव एक बहुत आम समस्या है.
शवासन में सबसे पहले आपका शारीरिक आराम शामिल है. इस आसन को करने में जैसे-जैसे आप सहज होते जाते हैं, वैसे- वैसे पहले यह आपकी मांसपेशियों को शिथिल करने लगता है, जिससे यह आपके शरीर को पूरी तरह से आराम देने लगता है. इसके बाद आप बाहरी दुनिया में खोए अपने संपर्क में वापस आने लगते हैं, तो आइए आज हम आपको शवासन करने के फायदें और करने के तरीके के बारे में बताने जा रहे हैं.
शवासन नहीं छोड़ना चाहिए
शवासन को करना छोड़ देने से यह आपके लिए शारीरिक और मानसिक रूप से खराब हो सकता है. ऐसा इसलिए है क्योंकि इससे आप ध्यान केंद्रीत करने और खुद को तरोताजा रखने के साथ ही तनावमुक्त रहने लगते हैं. इसको छोड़ने से आपके सोचने की शक्ति, ध्यान केंद्रीत करने की क्षमता, तनावमुक्त होना और शारीरिक रूप से खुद को आराम देने जैसी चीजें भी प्रभावित होने लगती हैं. एक्सपर्ट्स के अनुसार ये आसान बेहद आसान है जिससे आप शारीरिक और मानसिक रूप से हेल्दी रहते हैं.
शवासन के फायदे
यह आपको शारीरिक और मानसिक शांति प्रदान करता है.
शवासन आपको तनावमुक्त रखता है.
यह सिरदर्द, थकान और अनिद्रा की समस्याओं को दूर करता है.
यह ब्लड प्रेशर को हमेशा नियंत्रित रखने में सहायक है.
यह आपके ध्यान केंद्रित करने के साथ ही याददाश्त को भी बढ़ाता है.
शवासन कैसे करना चाहिए
इसके लिए आप एक साफ-सुथरी जगह पर मैट बिछाकर मैट के बिलकुल बीच में लेट जाएं. इसके लिए ध्यान रखें कि आपकी पीठ बिलकुल सीधी हो और आपके दोनों कंधे जमीन पर सटे हुए हों. फिर अपने दोनों हाथों और उंगलियों को पूरी तरह से खोलकर उन्हें आराम से बगल में रखें और ऊपर की तरफ अपना चेहरा रखें. अब अपनी आंखों को बंद करके धीरे से सांस लें और हर एक सांस को महसूस करने की कोशिश करें. इसके साथ ही जब आप सांसों को अंदर और बाहर करें तो आपकी छाती भी पूरी तरह खुलनी चाहिए. इस आसन के दौरान आप खुद को पूरा आराम देने की कोशिश करें.
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