आंवला एक ऐसा फूड है, जिसका फल और सब्जी दोनों के रूप में उपयोग किया जाता है. फल और सब्जी के अलावा आंवला एक बहुत कारगर औषधि है. आयुर्वेद में आंवला कई सामान्य से लेकर गंभीर रोगों के उपचार में उपयोग किया जाता है. वात, पित्त या कफ प्रकृति के रोगों को ठीक करने के लिए आप आंवला चूर्ण का किस तरह से उपयोग कर सकते हैं, यहां जानें...


वात प्रकृति के रोगों के लिए


वात प्रकृति (Vata Dosha) के रोग यानी वे रोग जो मुख्य रूप से शरीर में दर्द की वजह बनते हैं. यदि आपको वात संबंधी किसी भी रोग की समस्या रहती है तो आप हर दिन 5 ग्राम आंवला चूर्ण को तिल के तेल में मिलाकर इसका सेवन कर सकते हैं. इस मिक्स को आप खाना खाने के पहले या फिर खाना खाने के बाद ले सकते हैं.


पित्त प्रकृति के रोगों के लिए 


जब शरीर में पित्त (Pitta Dosha) की मात्रा अधिक बढ़ जाती है तो पेट और पाचन संबंधी रोगों की समस्या अधिक होती है. जैसे, एसिडिटी (Acidity), अपच (Low Digestion), कब्ज (Constipation), सिर दर्द, खट्टी डकारें आना इत्यादि बीमारियों की वजह शरीर में बढ़ा हुआ पित्त होता है. 


इन समस्याओं पर कंट्रोल करने के लिए आफ 5 ग्राम आंवला पाउडर को घी के साथ मिलाकर खाना खाने के बाद इसका सेवन करें. कोई भी दवाई खाना खाने के बाद लेने की सलाह दी जाती है तो इसका अर्थ यह बिल्कुल नहीं होता है कि खाना खाते ही आप दवाई खा लें. कम से कम 20 से 25 मिनट का गैप देकर दवाई का सेवन करना चाहिए.


कफ के कारण होने वाले रोगों में


जब शरीर में कफ की मात्रा बढ़ जाती है तो शरीर हमेशा सुस्त रहता है, नींद आने की समस्या या आलस रहता है. पसीने में बहुत चिपचिपाहट होती है, खांसी और सांस लेने में तकलीफ की समस्या हो सकती है. डिप्रेशन हो सकता है. इन सभी रोगों से बचाव के लिए आप आंवला पाउडर को शहद के साथ मिलाकर खाएं. इसका सेवन आप भोजन से पहले या भोजन के बाद कर सकते हैं.


आंवले की खूबियां


आंवले का स्वाद शुरू में बहुत खट्टा लगता है लेकिन इसे चबाकर खाने के बाद मुंह का टेस्ट मीठा हो जाता है. 
आंवला शरीर में पित्त की मात्रा को घटाने का काम करता है.
आंवला शरीर में शीतलता बढ़ाता है और गर्मी के असर को शांत करता है.
आंवला पेट के रोगों के साथ ही त्वचा के रोगों को दूर करने में भी बहुत प्रभावी औषधि है.


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों की एबीपी न्यूज़ पुष्टि नहीं करता है. इनको केवल सुझाव के रूप में लें. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.


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