Proteins Shakes Are Really Healthy?: प्रोटीन शेक का चलन धीरे धीरे बढ़ता ही चला जा रहा है. वर्कआउट के बाद अधिकांश लोग प्रोटीन शेक पीना पसंद करते हैं. इस शौक में बच्चे से लेकर बड़े तक सब शामिल हैं. पर ये जानना भी जरूरी है कि क्या वाकई ये शेक सभी के लिए सेहतमंद होते हैं. एक 16 साल के बच्चे की मौत के बाद ये सवाल उठ  रहे हैं. जिसकी मौत का कारण प्रोटीन शेक की वजह से ट्रिगर हुई एक जेनेटिक कंडिशन मानी जा रही है. इस घटना का शिकार हुए बच्चे का नाम है रोहन गोधानिया. जो प्रोटीन शेक पीने के तीन दिन बात बीमार हुआ और फिर उसका ब्रेन डैमेज हो गया. ये साल 2020 का मामला है. इसके बाद जांच में ये पाया गया कि उस प्रोटीन शेक के चलते उस बच्चे में ऑर्निथिन ट्रांसकार्बामाइलेज नाम की एक जेनेटिक बीमारी पैदा हो गई थी.

 

ज्यादा प्रोटीन का असर

इस बच्चे की मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर ये माना गया कि शरीर में प्रोटीन की मात्रा ज्यादा होने की वजह से ऑर्निथिन ट्रांसकार्बामाइलेज नाम की रेयर जेनेटिक डिजिज विकसित हुई. ये रेयर डिजिज शरीर में अमोनिया के ब्रेकडाउन को रोक देती है. और अमोनिया खून में बढ़ता जाता है. विशेषज्ञों का मानना है कि प्रोटीन शेक के डाइजेशन की प्रोसेस के बाद कई तरह के अपशिष्ट पदार्थ शरीर में बनते हैं. जो ऐसा असर डाल सकते हैं. इस संबंध में कोरोनर टॉम ओसबोर्न की रिपोर्ट के हवाले से विशेषज्ञों से चेतावनी दी गई है कि प्रोटीन पाउडर्स पर इस संबंध में चेतावनी लिखी जानी चाहिए.

 

 प्रोटीन शेक पीना चाहिए या नहीं?

इस केस के बाद स्वास्थ्य विशेषज्ञों की राय है कि प्रोटीन शेक पीने से पहले शरीर को इसकी कितनी जरूरत है ये जान लेना चाहिए. जिम जाने वाले लोग हों या बिना वर्कआउट के प्रोटीन शेक पीने वाले लोग हों, सब के लिए इसका जरूरत से ज्यादा सेवन नुकसानदायी हो सकता है. जितना हो सके नेचुरल प्रोटीन लें. अगर प्रोटीन शेक पीते हैं तो शरीर की जरूरत को समझने के बाद ही उसका इस्तेमाल करें. 

 

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