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दांत भी हैं जीभ के कैंसर का कारण, इन बातों का रखें ध्यान
पिछले छह सालों में भारत में होंठ और मुंह के कैंसर के मामले दोगुने से अधिक हो गए हैं. ऐसे में खराब दांतों की स्वच्छता, टूटे हुए, तीखे या अनियमित दांतों की ओर ध्यान देना अनिवार्य है. जानिए, क्या कहते हैं एक्सपर्ट.
नई दिल्लीः देश में दांतों की सफाई के मामले में लापरवाही बरतने वालों की संख्या लगभग 4 से 5 प्रतिशत तक पाई गई है. जो लोग तंबाकू का किसी भी रूप में सेवन नहीं करते हैं, उनमें टूटे दांतों के बीच ठीक से सफाई न होने के कारण मुंह के कैंसर का जोखिम रहता है. मुंह के अंदर त्वचा में लगातार जलन रहने या ऐसे दांतों की वजह से जीभ का कैंसर भी हो सकता है.
ऐसे में हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया (एचसीएफआई) के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ. के.के. अग्रवाल ने जीभ के कैंसर से बचने के लिए कुछ सुझाव दिए हैं. जानें क्या हैं ये उपाय.- तंबाकू का उपयोग न करें. यदि करते हैं, तो इस आदत को छोड़ने के लिए तत्काल कदम उठाएं.
- शराब का सेवन सीमित मात्रा में ही करें.
- धूप में लंबे समय तक न रहें, धूप में जाने से पहले 30 या उससे अधिक एसपीएफ वाले लिप बाम का उपयोग करें.
- जंक और प्रोसेस्ड फूड के सेवन से बचें या इसे सीमित करते हुए, बहुत सारे ताजे फल और सब्जियों सहित स्वस्थ आहार का सेवन करें.
- शॉर्ट-एक्टिंग निकोटीन रिप्लेसमेंट थेरेपी जैसे कि लोजेंज, निकोटीन गम आदि लेने की कोशिश करें.
- उन ट्रिगर्स को पहचानें, जो आपको धूम्रपान करने के लिए उकसाते हैं. इनसे बचने या इनके विकल्प अपनाने की योजना बनाएं.
- तंबाकू के बजाय शुगरलैस गम, हार्ड कैंडी, कच्ची गाजर, अजवाइन, नट्स या सूरजमुखी के बीज चबाएं.
- सक्रिय रहें. शारीरिक गतिविधि को तेज रखने के लिए बार-बार सीढ़ियों से ऊपर-नीचे जाएं, ताकि तंबाकू की तलब से बच सकें.
ये एक्सपर्ट के दावे पर हैं. ABP न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता. आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने एक्सपर्ट की सलाह जरूर ले लें.
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अशोक वानखेड़ेवरिष्ठ पत्रकार
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