दूध को खड़े होकर और पानी को बैठकर ही क्यों पीना चाहिए? जवाब ये रहा
आपने कई लोगों को ये बात कहते हुए सुना होगा कि दूध को खड़े हो कर और पानी को बैठकर ही पीना चाहिए. आज इसके पीछे की वजह भी जान लीजिए.
पानी पीना हमारे शरीर के लिए आवश्यक है. एक स्वस्थ व्यक्ति को हर दिन 2 लीटर पानी का सेवन करना चाहिए. आपने अक्सर पानी को लेकर ये बात सुनी होगी कि पानी को बैठकर पीना चाहिए, जोकि सही भी है. लेकिन, कई लोग फिर ये सोचते हैं कि अगर पानी को बैठकर पीना सही है तो फिर दूध बैठकर पीना नुकसानदायक क्यों है? अगर आपके मन में भी यह सवाल आता है तो आज इस लेख में हम आपको इसका जवाब देने जा रहे हैं.
इसलिए खड़े होकर पीना चाहिए दूध
दूध खड़े होकर पीने से ये शरीर के सभी हिस्सों तक आसानी से पहुंच पाता है और जल्दी अवशोषित होने लगता है. इससे शरीर को सभी न्यूट्रिएंट्स मिल पाते हैं. दूसरी तरफ, अगर आप बैठकर दूध पीते हैं तो ये पोजीशन स्पीड ब्रेकर की तरह काम करती है और दूध धीरे-धीरे शरीर के अलग-अलग हिस्सों में जाता है. बैठकर दूध पीने से ये ऐसोफेगस के निचले हिस्से में ठहर जाता है. अगर ये प्रकिया लंबे वक्त तक जारी रही तो गैस्ट्रोइसोफेजियल रिफलक्स सिंड्रोम जैसी परेशानी पैदा हो सकती है.
बैठकर इसलिए पीना चाहिए पानी
अगर आप खड़े होकर पानी पीते हैं तो इससे आपको एसिडिटी, गैस, गाठिया आदि की परेशानी हो सकती है. दूसरी तरफ, बैठकर पानी पीने से ये शरीर के सभी हिस्सों तक अच्छे से पहुंचता है. शरीर को पानी की जितनी आवश्यकता होती है उतना पानी शरीर अच्छे से अब्सॉर्ब कर लेता है और बाकी टॉक्सिन यूरिन के जरिए बाहर कर देता है. बैठकर पानी पीने से खून में हानिकारक तत्व नहीं घुलते और खून साफ रहता है.
बैठकर दूध पीना हो मजबूरी तो ये करें
अगर आपको मजबूरी में दूध बैठकर पीना पड़ रहा है तो ध्यान रखें कि इसे जल्दबाजी में न पिए. छोटे-छोटे घूट लें ताकि आपका पेट इसे सही से पचा सके और आपको कोई परेशानी जैसे कि ऐठन वगैरह न हो.
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