नई दिल्लीः ब्रेस्ट इम्प्लांट दो तरह के होते हैं खारा और सिलिकॉन जेल. दोनों में एक सिलिकॉन बाहरी आवरण होता है. ब्रेस्ट इम्प्लांट आमतौर पर ब्रेस्ट कैंसर होने के खतरे या ब्रेस्ट कैंसर होने के दौरान करवाया जाता है. खारा ब्रेस्ट इम्प्लांट खारे पानी से भरा होता है. सिलिकॉन जेल ब्रेस्ट इम्प्लांट सिलिकॉन जेल से भरे होते हैं. चलिए जानते हैं ब्रेस्ट इम्प्लांट से जुड़े जोखिमों के बारे में.
शोधों के अनुसार, सिलिकॉन जेल और खारा ब्रेस्ट इम्प्लांट की सुरक्षा में महत्वपूर्ण अंतर नहीं हैं. लेकिन प्रत्येक प्रकार के ब्रेस्ट इम्प्लांट को लेकर डॉक्टर्स की अलग-अलग सलाह है.
ब्रेस्ट इम्प्लांट से जुड़े जोखिम जो ब्रेस्ट इंप्लांट को बना सकते हैं खतरनाक -
ब्रेस्ट इम्प्लांट से जुड़े अधिकांश ऑपरेशन सुचारू रूप से चलते हैं, लेकिन प्रक्रिया से जुड़े जोखिम होते हैं. किसी भी समय ब्रेस्ट इम्प्लांट के कम से कम 1 प्रतिशत रोगियों में निम्नलिखित जटिलताएं होती हैं. इन जटिलताओं में से कुछ को ठीक करने के लिए उपचार या आगे की सर्जरी की आवश्यकता होती है.
- ब्रेस्ट के आकार, आकार या स्तर के बारे में विषमता
- निप्पल या ब्रेस्ट एरिया में दर्द
- ब्रेस्ट की त्वचा का पतला होना और सिकुड़ना
- इम्प्लांट के आसपास की त्वचा के नीचे कठोर गांठ के रूप में कैल्शियम जमा होता है
- एक इम्प्लांट होने के चारों ओर निशान टिश्यूज और ब्रेस्ट का सख्त होना
- सर्जिकल साइट के पास रक्त एकत्र करना, जिससे दर्दनाक सूजन और चोट लग जाती है
- ऊतक या इम्प्लांट सर्जरी से क्षतिग्रस्त होना संक्रमण जैसे कि टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम
- सूजी हुई लसीका ग्रंथियां
- प्रत्यारोपण गलत तरीके से होना
- स्तन के आसपास की त्वचा या ऊतकों का नष्ट होना मृत्यु
- आमतौर पर संक्रमण के कारण इंप्लांट में छेद या लिक्विड बहना
- इम्प्लांट के चारों ओर तरल पदार्थ का निर्माण जो दर्द, सूजन और चोट का कारण बन सकता है
ये खबर रिसर्च के दावे पर हैं. ABP न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता. आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने एक्सपर्ट की सलाह जरूर ले लें.