मारबर्ग वायरस बीमारी (एमवीडी) जिसे आमतौर पर 'ब्लीडिंग आई वायरस' के रूप में जाना जाता है. मारबर्ग वायरस के कारण होता है. इस वायरस से जुड़ी औसत मृत्यु दर लगभग 50% है. वायरस का नेचर मेजबान रूसेटस एजिप्टियाकस है. जो फल चमगादड़ की एक प्रजाति है. मारबर्ग वायरस आमतौर पर दो तरीके से फैलता है. चमगादड़ से इंसाना या इंसान से इंसान, ब्लड, ब्लीडिंग, इंफेक्टेड के बॉडी में फैलता है. 


ब्लीडिंग आई वायरस का सबसे आम लक्षण तेज बुखार है. बुखार के साथ गंभीर सिरदर्द और अस्वस्थता हो सकती है. इसके आम लक्षण है


मायलगिया


गंभीर पानी जैसा दस्त


पेट में दर्द


मतली उल्टी


बिना खुजली वाले दाने


रक्तस्रावी अभिव्यक्ति


ब्लीडिंग आई वायरस के गंभीर मामलों में, केंद्रीय तंत्रिका तंत्र की भागीदारी देखी जाती है, जहां रोगियों में भ्रम, चिड़चिड़ापन और आक्रामकता के लक्षण देखे जा सकते हैं.


मैदान पर चीते की रफ्तार से दौड़ते हैं विराट कोहली, ये है फिटनेस का असली राज


समय पर इलाज बेहद जरूरी है


मारबर्ग वायरस की बीमारी आमतौर पर एलिसा या आरटी-पीसीआर जैसे परीक्षणों के माध्यम से निदान किया जाता है. जब बीमारी की पुष्टि हो जाती है. तो इलाज तुरंत पुनर्जलीकरण चिकित्सा और रोगसूचक प्रबंधन के साथ शुरू किया जाना चाहिए. एमवीडी के इलाज के लिए वर्तमान में कोई विशिष्ट एंटीवायरल दवा उपलब्ध नहीं है.कुछ निवारक उपाय व्यक्तियों को चमगादड़ या संक्रमित व्यक्ति से बीमारी के संक्रमण से बचाने में मदद कर सकते हैं.


Typhoid Diet: टायफाइड होने पर इन चीजों से बना लें दूरी, नहीं तो जान पर बन आएगी


यदि आप ऐसी खदानों या गुफाओं में जा रहे हैं या काम कर रहे हैं जहां चमगादड़ रहते हैं, तो सुनिश्चित करें कि आप सुरक्षात्मक कपड़े पहनें. MVD के रोगियों के लिए 21 दिनों तक आइसोलेशन में रहना महत्वपूर्ण है ताकि आगे प्रसार को रोका जा सके.


ये भी पढ़ें: अंडे का सफेद हिस्सा खाएं या पूरा एग, आज जान लीजिए क्या है खाने का तरीका