नई दिल्ली: सोशल मीडिया पर एक ऐसा मैसेज वायरल हो रहा है जिससे जुड़ा दावा भारत में हर घर से जुड़ा है. ये दावा बुखार उतारने वाली गोली पैरासीटामॉल को लेकर है. सोशल मीडिया पर दावा है कि इस दवा में दुनिया का सबसे खतरनाक वायरस आ चुका है.


फेसबुक से लेकर वॉट्सऐप तक पैरासीटामॉल दवा की तस्वीर के साथ डराने वाला मैसेज वायरल हो रहा है जिसमें लिखा है, ''बेहद जरूरी चेतावनी, सावधान रहिए. वो पैरासीटामॉल दवा मत खाइए जिसमें P/500 लिखा हुआ है. ये नई दवा है जो बहुत सफेद और चमकती हुई पैरासीटामॉल है. डॉक्टर्स ये साबित कर चुके हैं कि इस पैरासीटामॉल में दुनिया का सबसे खतरनाक माना जाने वाला मैचुपो वायरस है. जो बहुत जानें ले चुका है. इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाइए ताकि आप उनकी जिंदगी बचा सकें. मैंने इस मैसेज को फॉरवर्ड करके अपना फर्ज निभा दिया है.''


इस दावे को देखने के बाद लोग डरे हुए हैं. वो दवा जिस पर लोग भरोसा करते हैं जिसे बुखार उतारने के लिए सबसे सुरक्षित माना जाता है, उसके बारे में अचानक ये दावा होने लगे कि वो जानलेवा है तो डरना लाजिमी है. सच जानने के लिए एबीपी न्यूज दिल्ली के प्राइमस अस्पताल के डॉ कौशल मिश्रा और इंडियन मेडिकल के दो अलग-अलग डॉक्टर के पास पहुंचा.


पैरासीटामॉल p-500 दवा है क्या?
P-500 पैरासिटामॉल सबसे सामान्य और सुरक्षित दवा मानी जाती है. ये दवा सुरक्षित है जो बुखार और शरीर का दर्द कम करती है. ये दवा दुकानदार डॉक्टर के पर्ची के बिना भी दे सकता है.


क्या पैरासीटामॉल पी-500 में कोई वायरस है या हो सकता है?
डॉक्टर ने हमें बताया कि दवा की बाजार में आने से पहले तीन स्तर पर जांच की जाती है. P-500 पैरासिटामॉल दवा सरकार द्वारा लाइसेंस प्राप्त कंपनी ही बनाती है. उसके बाद दो बार दवा की लैब में टेस्टिंग होती है इसके बाद दवा बाजार में आती है. तीन स्तर पर जांच होती है इसलिए इस दवा में किसी वायरस होना मुमकिन नहीं है.


इंडेनेशिया में वायरल हुआ था दावा
द हिंदू अखबार में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक पैरासीटामॉल में वायरस वाला दावा इंडोनेशिया में इस कदर वायरल हुआ था कि वहां लोगों के बीच मचे डर को दूर करने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय को दखल देना पड़ा था और बताना पड़ा था कि ऐसा कुछ नहीं है. एबीपी न्यूज की पड़ताल में पैरासीटामॉल दवा में सबसे खतरनाक वायरस वाला दावा झूठा साबित हुआ है.