जानें क्या हैं स्वाइन फ्लू के लक्षण, किस तरह से कर सकते हैं इससे बचाव?
स्वाइन को H1N1 के नाम से भी जाना जाता है. ये एक तरह का संक्रमण है जो इंफ्लूएंजा ए वायरस के कारण फैलता है. ये वायरस मुख्यत सूअरों में पाया जाता है और इनसे ही इंसानों में फैलता है.
नई दिल्ली: 2019 के लोकसभा चुनाव की तैयारियों के बीच बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को स्वाइन फ्लू हो गया है. उन्हें दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया है. नमी के मौसम में संक्रामक वायरस सक्रिय हो जाते हैं. जिस वजह से इस स्वाइन फ्लू जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. आज हम आपको स्वाइन फ्लू के लक्षण और इस बीमारी से बचाव के उपायों के बारे में बताते हैं
स्वाइन फ्लू को H1N1 के नाम से भी जाना जाता है. ये एक तरह का संक्रमण है जो इंफ्लूएंजा ए वायरस के कारण फैलता है. ये वायरस मुख्यत सूअरों में पाया जाता है और इनसे ही इंसानों में फैलता है. इंसानों में ये एक से दूसरे में काफी तेजी से फैलता है. इस बीमारी के वायरस को नमी की जरूरत होती है इसलिए ये ठंड और बरसात के दिनों में तेजी से फैलता है.
स्वाइन फ्लू का सबसे ज्यादा खतरा बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं को होता है. जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है वो भी तेजी से इस वायरस की चपेट में आ जाते हैं. इस बीमारी के लिए अभी तक कोई वैक्सीन नहीं बनी है. इसलिए ठंड और बरसात के मौसम में इससे बचने के लिए अतरिक्त सावधानी रखने की जरुरत होती है.
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WHO ने दी है बचाव के लिए ये सलाह
स्वाइन फ्लू को लेकर WHO ने सलाह दी है कि फ्लू या इन्फ्लूएंजा के सीजन में भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें. भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने अनजाने किसी की छींक-खांसी के कणों से बीमार होने की संभावना बनी रहती है. ऐसे में वायरस हाथों से ये हवा से फैल सकता है. यही वजह है कि स्कूलों में, मॉल में भीड़भाड़ वाली जगहों पर लोग ज्यादा बीमार होते हैं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने दावा किया है कि हर साल दुनिया भर में 50 लाख लोग फ्लू जैसे संक्रामक रोगों से गंभीर रूप से बीमार होते हैं. वहीं करीब ढाई से पांच लाख मौत इसी तरह के रोगों से होती हैं.
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स्वाइन फ्लू के लक्षण
1. स्वाइन फ्लू के रोगी को सर्दी जुकाम बना रहता है और नाक लगातार वहती रहती है.
2. शरीर की मांसपेशियों में दर्द और अकड़न बनी रहती है.
3. सिर में बहुत तेज दर्द होता है और लगातार खांसी आती रहती है.
4. बुखार आता है और इलाज के बाद भी ठीक नहीं होता है.
5. गले में खराश हो जाती है और बहुत ज्यादा थकान महसूस होती है.
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स्वाइन फ्लू से सावधानी में ही सुरक्षा है
स्वाइन फ्लू के लिए अभी तक कोई वैक्सीन इजाद नहीं की गई है. लेकिन एंटीवायरल दवाइयां इससे बचाव में मदद करती है. इस बीमारी के लक्षण दिखाई देने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए. इसके अलावा इस बीमारी से बचने के लिए नमी के मौसम में सावधानी रखनी चाहिए. अगर बीमार हो गए हैं तो आपकी जिम्मेदारी है कि ये बीमारी दूसरों तक ना फैले. छींकते वक्त नाक पर रुमाल रखिए ताकि वायरस फैले नहीं. रुमाल को अपनी जेब में रखें और किसी के साथ भी शेयर ना करें.
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