देश के ज्यादातर हिस्सों में लगाातार हो रही बारिश ने आम लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी है. भले ही बारिश के कारण तापमान में आई कमी से लोगों को राहत मिलती है, वहीं इसके साथ ही बारिश के कारण लोगों को मुकसान भी उठाना पड़ता है. आम तौर पर बरसात के मौसम में लोगों को वायरल फीवर के साथ ही डेंगू और मलेरिया की बिमारी से जूझते देखा गया है.
वायरल फीवर के लक्षण
बरसात के मौसम में वायरल फीवर का होना एक आम बात हो गई है. वायरल फीवर के तेजी से फैलने का मुख्य कारण इंफेक्शन होता है जो एक व्यक्ति से दूसरे तक पहुंच जाता है. वायरल फीवर होने पर बीमार व्यक्ति को सिर में दर्द के साथ ही जोड़ों के दर्द और गले में दर्द की समस्या दिखाई देती है.
उल्टी, दस्त के साथ पेट दर्द की शिकायत
इसके साथ ही वायरल फीवर में शरीर का तापमान समय समय पर तेजी से उतरता और चढ़ता रहता है. वहीं बिमार व्यक्ति को खांसी की समस्या के साथ ही उल्टी, दस्त और आंख से पानी निकलने की समस्या से दो-चार होना पड़ सकता है. वायरल फीवर के दौरान पेट में तेज दर्द की भी शिकायत देखी गई है. फिलहाल यह फीवर 7 से 8 दिन तक बना रहता है. इस दौरान लोगों को अपनी सेहत का पूरा ध्यान देने की जरुरत होती है.
घरेलू नुस्खों से होगा उपाय
वायरल फीवर से ग्रस्त व्यक्ति को घबराने के बजाय सावधानी से काम लेना चाहिए और जल्द से जल्द डॉक्टर से मिलकर अपना इलाज शुरू करना चाहिए. फिलहाल वायरल फीवर से कुछ आसान और घरेलू नुस्खों को अपना कर बता जा सकता है. इससे बचने के लिए डॉक्टर आमतौर पर अदरक की चाय या फिर तुलसी के पत्ते के साथ काली मिर्च और लौंग का काढ़ा पीने की सलाह देते हैं. इसके साथ ही गिलोय का भी इस्तेमाल किए जाने की सलाह दी जाती है.
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