(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Zika Virus: जीका वायरस क्या है? जानें किन लोगों को इस बीमारी का सबसे ज्यादा खतरा रहता है?
गर्भवती महिलाओं और उनके शिशुओं को लिए जीका वायरस काफी ज्यादा खतरनाक हो सकते हैं.
जीका वायरस (Zika Virus) एक मच्छर जनित फ्लेविवायरस है जो मुख्य रूप से एडीज मच्छरों द्वारा फैलता है. जो डेंगू, चिकनगुनिया और पीले बुखार को फैलाने के लिए भी जिम्मेदार हैं. वायरस के हल्के लक्षण होते हैं लेकिन इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं. खासकर गर्भवती महिलाओं और उनके शिशुओं को लिए जीका वायरस काफी ज्यादा खतरनाक हो सकते हैं.
जीका वायरस के शुरुआती लक्षण
सबसे पहले 1947 में युगांडा में बंदरों में और बाद में 1952 में मनुष्यों में यह वायरस हुई थी. तब से इसने दुनिया भर में कई प्रकोपों का कारण बना है, सबसे खास तौर पर 2015-2016 में ब्राजील में. भारत में पुणे में वायरस का प्रकोप देखने को मिला है. इसके शुरुआती लक्षण मरीजों को तेज बुखार के साथ-साथ चकत्ते निकलने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं.
जीका वायरस के कारण
जीका वायरस के संक्रमण का प्राथमिक तरीका संक्रमित एडीज मच्छर, विशेष रूप से एडीज एजिप्टी और एडीज एल्बोपिक्टस के काटने से होता है. ये मच्छर आमतौर पर दिन के समय खासकर सुबह और देर दोपहर में काटते हैं. वायरस गर्भावस्था के दौरान मां से भ्रूण में, रक्त आधान और संभावित रूप से ऑर्गन ट्रांसप्लांट के माध्यम से भी फैल सकता है.
जीका वायरस के लक्षण
जीका वायरस से संक्रमित अधिकांश लोगों में लक्षण विकसित नहीं होते हैं. जब लक्षण होते हैं, तो वे आमतौर पर हल्के होते हैं और कई दिनों से लेकर एक सप्ताह तक रहते हैं. सामान्य लक्षणों में शामिल हैं.
बुखार
दाने
सिरदर्द
जोड़ों का दर्द
आंखों का लाल होना
मांसपेशियों में दर्द
गर्भावस्था के दौरान जीका वायरस संक्रमण गंभीर जन्म दोष पैदा कर सकता है, जिसमें माइक्रोसेफली, एक ऐसी स्थिति जिसमें बच्चे का सिर अपेक्षा से काफी छोटा होता है, और अन्य मस्तिष्क दोष शामिल हैं.
जीका वायरस का इलाज
जीका वायरस संक्रमण के लिए कोई खास एंटीवायरल इलाज नहीं है.
आराम
हाइड्रेशन
एसिटामिनोफेन जैसे दर्द निवारक (जब तक डेंगू का पता न चल जाए, तब तक एस्पिरिन और नॉन-स्टेरॉयड एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाओं से बचें, ताकि रक्तस्राव का जोखिम कम हो सके)
मच्छरों के काटने से बचाव के लिए सुझाव
जीका वायरस संक्रमण के जोखिम को कम करने के लिए मच्छरों के काटने से बचाव बहुत ज़रूरी है. मच्छरों से बचने के लिए क्रिम लगा लें. खुली त्वचा और कपड़ों पर DEET, पिकारिडिन, IR3535, या नींबू नीलगिरी के तेल युक्त कीट विकर्षक लगाएं,
सेफ्टी कपड़े पहनें: त्वचा के संपर्क को कम करने के लिए लंबी आस्तीन वाली शर्ट और लंबी पैंट पहनें. कपड़ों पर पर्मेथ्रिन का उपयोग करें, जो कपड़ों के लिए एक कीट विकर्षक है.
घर के अंदर रहें: शाम को घर से बाहर ना निकलें. शाम के वक्त बच्चों को बाहर खेलने और निकलने न दे.
मच्छरदानी का इस्तेमाल करें: यदि आप ऐसे क्षेत्र में हैं जहां मच्छरों के संपर्क में आने की संभावना है, तो मच्छरदानी के नीचे सोएं.
जमे हुए पानी को साफ करें: जमे हुए पानी में मच्छर जल्दी पनपते हैं. कंटेनरों को खाली रखें. साफ रखें अगर पानी भरा हुआ है तो उसे ढककर रख दे. फूलों के गमले, बाल्टियाँ और पक्षियों के नहाने के लिए इस्तेमाल होने वाले बर्तन को साफ रखें.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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