Dengue Treatment: गर्मी के बाद बरसात आते ही मौसम में बदलाव आ जाता है, यूं तो बदलाव काफी सुहाना लगता है लेकिन इस दौरान मच्छरों का आतंक बढ़ जाता है.  मच्छर काटने से होने वाली बीमारियों में डेंगू सबसे खतरनाक और जानलेवा है. इस दौरान खासतौर पर दिल्ली एनसीआर में डेंगू का आतंक बहुत बढ़ जाता है.


हेल्थ एक्सपर्ट कहते हैं कि डेंगू फीवर में प्लेटलेट्स गिरने के साथ साथ तेज बुखार भी आता है. ऐसे में लोग इसे सामान्य बुखार मानकर घर पर ही दवा खाने लगते हैं. लेकिन ये गलत है और ऐसे में गलत दवा खाने से लोगों की तबीयत और ज्यादा खराब हो जाती है. चलिए आज जानते हैं कि डेंगू का ट्रीटमेंट किस तरह होता है और डेंगू होने पर डॉक्टर कौन सी दवा देते हैं.


डेंगू फीवर होने के लक्षण 
डेंगू के लक्षण आम बुखार से थोड़े अलग होते हैं. तेज बुखार, शरीर में दर्द, उल्टियां, सिर में दर्द, थकान, डायरिया होने के साथ साथ जोड़ दुख रहे हैं तो इसे डेंगू बुखार कहा जा सकता है.अगर केवल बुखार है और शरीर में दर्द हो रहा है तो मरीज का इलाज घर पर ही हो सकता है. उसे डॉक्टर द्वारा बताई गई दवा देकर सही किया जा सकता है. लेकिन इसके साथ ही मरीज का ब्लड टेस्ट जरूर करवाना चाहिए.


डेंगू के लक्षण दिखने पर बुखार की दवा खाने की बजाय तुरंत डॉक्टर को संपर्क करना चाहिए. देखा जाए तो कुछ लोग बुखार आने पर किसी भी तरह का पेन किलर, एंटी वायरल और एंटी बैक्टीरियल दवा खा लेते हैं, इससे प्लेटलेट्स और तेजी से गिरने लगते हैं और मरीज की स्थिति गंभीर हो जाती है.


डेंगू के मरीज को ये दवा देते हैं डॉक्टर 
हेल्थ एक्सपर्ट की सलाह है कि अगर डेंगू के लक्षण हल्के हैं और उसका घर पर ही इलाज किया जा सकता है तो उसे पेरासिटामोल दवा दी जा सकती है. इस दवा को देने से शरीर के प्लेटलेट्स पर असर नहीं पड़ता है. डेंगू का बुखार केवल पेरासिटामोल के जरिए ही कंट्रोल किया जा सकता है. ये दवा डेंगू के इलाज के लिए डॉक्टरों ने सही मानी है. पेरासिटामोल के साथ साथ डेंगू के मरीज का तापमान कम करने के लिए आप उसे ठंडे पानी को भिगोकर कपड़े से स्पॉन्ज भी कर सकते हैं. अगर मरीज को उल्टियां हो रही हैं तो उसे समय समय पर इलेक्ट्रोलाइट देना चाहिए ताकि उसके शरीर में पानी और पोषक तत्वों की कमी ना हो.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


यह भी पढ़ें: Myth vs Facts: क्या सिर्फ स्मोकिंग से होता है लंग कैंसर? कम उम्र में नहीं होती बीमारी, जानें क्या है हकीकत