कौन से ब्लड ग्रुप के लोग होते हैं तेज़, जानिए हर ब्लड ग्रुप की कुछ खास बातें
अक्सर आपने लोगों को ये बोलते हए सुना होगा कि इसका दिमाग तेज़ है या ये बहुत चालाक है. इसमें ब्लड ग्रुप का बहुत बड़ा रोल होता है. ब्लड ग्रुप के हिसाब से शरीर की बनावट भी अलग होती है.
इस बात से हम सब वाकिफ हैं कि हमारा शरीर 4 ब्लड ग्रुप में डिवाइडेड है, A, B, AB और O. इन ब्लड ग्रुप को भी पॉजिटिव और निगेटिव में बांटा गया है. अक्सर आपने लोगों को ये बोलते हुए सुना होगा कि इसका दिमाग तेज़ है या ये बहुत चालाक है. इसमें ब्लड ग्रुप का बहुत बड़ा रोल होता है. कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी में हुए एक रिसर्च में इस बात का खुलासा हुआ है कि किस ब्लड ग्रुप के लोगों का दिमाग तेज होता है. जी हां, ब्लड ग्रुप के हिसाब से शरीर की बनावट अलग होती है और इसका असर शरीर के अंगों पर भी पड़ता है. पहले हम समझते हैं कि ब्लड ग्रुप होता क्या है.
क्या होता है ब्लड ग्रुप?
ब्लड ग्रुप बेसिकली एंटीजन और एंटीबॉडीज़ पर निर्भर करता है, जो एक प्रकार के प्रोटीन मॉलिक्यूल्स होते हैं. एंटीबॉडीज़ प्लाज्मा में होते हैं और एंटीजन रेड ब्लड सेल्स के ऊपरी भाग में मौजूद होते हैं. ये दोनों मिलकर ब्लड का प्रकार निर्धारित करते हैं.
B+ ब्लड ग्रुप के लोगों का दिमाग होता है सबसे तेज़
कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी में हुए इस रिसर्च में पाया गया कि और ग्रुप्स के मुकाबले B+ ब्लड ग्रुप के लोगों का दिमाग तेज़ होता है. इनकी सोचने समझने की क्षमता ज्यादा होती है. B+ ब्लड ग्रुप जिनका है उनके दिमाग में पेरिटोनियल और टेम्पोरल लोब के सेरिब्रम ज्यादा एक्टिव होते हैं, जिससे इनकी याददाश्त और दिमाग दोनों ही तेज़ होता है.
दूसरे नंबर पर आता है O+ ब्लड ग्रुप
B+ ब्लड ग्रुप के बाद दूसरे नंबर पर O+ ब्लड ग्रुप आता है. इन लोगों का भी दिमाग काफी तेज़ होता है. इनका ब्लड सर्कुलेशन दूसरे ग्रुप्स के मुकाबले अच्छा रहता है जिससे दिमाग में ऑक्सीज़न का फ्लो भी अच्छा रहता है. O पॉजिटिव लोगों के दिमाग में सेरिब्रम ज्यादा एक्टिव होते हैं इसी के चलते इनकी भी याददाश्त अच्छी होती है.
क्या कहता है रिसर्च?
कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी में हुए इस रिसर्च में हर ग्रप के 69 लोगों पर स्टडी की गई और इनके ब्लड सैंपल पर रिसर्च किया गया. इस रिसर्च में हर ग्रुप के लोगों के दिमाग के बारें में जानकारियां जुटाई गई और पाया गया कि B+ और O+ के लोगों का दिमाग बाकी ग्रुप्स के मुकाबले काफी तेज़ है.
ब्लड ग्रुप और जेनेटिक रिलेशन
बच्चे का ब्लड ग्रुप माता-पिता के ब्लड ग्रुप पर निर्भर करता है. दोनों में से किसी एक या दोनों के ब्लड ग्रुप को मिलाकर बच्चे का ब्लड बन सकता है. यानी कि अगर माता-पिता का ब्लड ग्रुप A और B है तो बच्चे का ब्लड ग्रुप A, B या AB हो सकता है. ऐसे ही अगर ब्लड ग्रुप A और O है तो बच्चा भी A और O ब्लड ग्रुप का होगा.
कौन कर सकता है ब्लड डोनेट?
बहुत से लोगों को ब्लड की जरूरत पड़ती है और बहुत से लोग ब्लड डोनेट कर भी सकते हैं पर उसके लिए कुछ चीजे जरूरी भी होती हैं. वैसे तो ओ ब्लड ग्रुप के लोगों को यूनिवर्सल डोनर बोला जाता है, लेकिन हर ग्रुप के लोग अब ब्लड डोनेट कर सकते हैं. ब्लड डोनेट करते वक्त कुछ चीजों का विशेष ध्यान देना चाहिए जैसे-
- आप एकदम स्वस्थ और तंदुरुस्त रहें आपको किसी भी प्रकार की कोई बीमारी या रोग ना हो.
- आपका वजन 50 किलो से लेके 158 किलो तक का होना चाहिए.
- आपकी उम्र 17 वर्ष से 65 वर्ष तक होनी चाहिए.
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