Lalu Yadav's kidney transplant: आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव पिछले कुछ समय से स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे. हाल ही में उनका किडनी ट्रांसप्लांट ऑपरेशन हुआ. ये सफल रहा. लालू यादव को उनकी बड़ी बेटी रोहिणी आचार्य ने किडनी डोनेट की. किडनी ट्रांसप्लांटेशन के बाद डोनर और प्राप्तकर्ता दोनों को अपना विशेष ध्यान रखना होता है. थोड़ी सी लापरवाही जान ले सकती है. आज इस लेख में हम आपको बताएंगे कि किडनी ट्रांसप्लांट के बाद डोनर और प्राप्तकर्ता को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए. 


डायलिसिस से बेहतर किडनी ट्रांसप्लांट- डॉ जैन


फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट, गुरुग्राम में नेफ्रोलॉजी एंड रीनल ट्रांसप्लांट प्रमुख डॉ. सलिल जैन ने एक इंटरव्यू में कहा कि क्रोनिक किडनी डिजीज एक महामारी बन चुकी है और हम अब बड़ी संख्या में ऐसे मरीजों को देख रहे हैं जिन्हें डायलिसिस की जरूरत पड़ रही है. उन्होंने कहा कि ऐसे मरीजों के लिए सबसे अच्छा इलाज किडनी ट्रांसप्लांट है. डायलिसिस की तुलना में किडनी ट्रांसप्लांट रोगी को अच्छा और स्वस्थ जीवन प्रदान कर सकता है. जैन ने कहा कि उन सभी रोगियों को मेरा सुझाव है जिन्हें डायलिसिस की आवश्यकता है या जो डायलिसिस की तरफ बढ़ रहे हैं, उन्हें हमेशा एक विकल्प की तलाश करनी चाहिए जिसमें वो किडनी ट्रांसप्लांट के लिए जा सके. डॉक्टर सलिल जैन ने किडनी ट्रांसप्लांट के बाद डोनर और प्राप्तकर्ता को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए इसके बारे में जानकारी दी है.


प्राप्तकर्ता को क्या करना चाहिए


नियमित दवा


किडनी ट्रांसप्लांट के बाद समय-समय पर प्राप्तकर्ता को दवा लेनी चाहिए. साथ ही बिना डॉक्टर के परामर्श के कोई भी दवा बंद नहीं करनी चाहिए. 


जोड़ों का दर्द, जी मिचलाना


अगर आपको किडनी ट्रांसप्लांट के बाद कभी भी किसी प्रकार की सर्दी, बुखार, जोड़ों में दर्द, रैशेज, उल्टी, जी मिचलाने की स्थिति महसूस हो रही है तो तुरंत डॉक्टर को संपर्क करें. इसमें लापरवाही बिल्कुल न बरतें. 


साफ सफाई


किडनी ट्रांसप्लांट के बाद व्यक्ति को उच्च स्तर की स्वच्छता बनानी चाहिए और स्ट्रीट फूड खाने से बचना चाहिए. आप जितना हाइजेनिक अपने आपको रखेंगे आप उतना ही स्वस्थ रहेंगे. 


ब्लड प्रेशर


 घर में जरूर ब्लड प्रेशर मॉनिटरिंग डिवाइस होना चाहिए जिससे आप समय-समय पर ब्लड प्रेशर की जांच कर सकें. अगर ब्लड प्रेशर थोड़ा भी ऊपर या नीचे आपको मालूम होता है तो तुरंत डॉक्टर को संपर्क करें. 


हाइड्रेट


शरीर को हमेशा हाइड्रेटेड रखें और दिन भर में तरल पदार्थ का सेवन जरूर करें. 


भारी वजन


किडनी ट्रांसप्लांट के बाद करीब 1 से 2 महीने तक भारी वजन उठाने से बचें क्योंकि इससे टांको में खिंचाव आ सकता है और उनके टूटने का खतरा है.


पेन रिलीफ, एंटीबायोटिक


पेन रिलीफ दवाओं के सेवन से बचें. अगर आपको कभी भी शरीर के किसी अंग में दर्द महसूस होता है तो डॉक्टर को संपर्क करें. पेन रिलीफ एंटीबायोटिक्स  किडनी को नुकसान पहुंचाती है, जो आपके लिए अच्छा नहीं है. बता दें किडनी डोनेट करने के बाद डोनर को भी चिकित्सा देखभाल से गुजरना पड़ता है. पारस हॉस्पिटल गुरुग्राम में एसोसिएट कंसलटेंट नेफ्रोलॉजी डॉक्टर माधुरी जेटली ने कहा कि आमतौर पर अच्छे स्वास्थ्य वाले लोगों के लिए लंबे समय में किडनी डोनेट करने के बाद जोखिम मामूली होते हैं. लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि जोखिम खत्म हो गया है. उन्होंने कहा कि यदि कोई किडनी डोनेट करता है तो भविष्य में किडनी फेल होने की संभावना थोड़ी बढ़ जाती है. हालांकि खतरा मामूली है लेकिन इसके चांसेस 1% के आस-पास होते हैं. 


डोनर को इस बात का रखना चाहिए ध्यान


जब भी कोई व्यक्ति किडनी डोनेट करता है तो उसे 2 से 3 दिन तक अस्पताल में रखा जाता है जहां उसकी देखरेख की जाती है. इसके बाद डोनर को डिस्चार्ज कर दिया जाता है. धीरे-धीरे वह वही पुरानी जीवन शैली में आने लगता है. किडनी डोनेट करने के बाद डोनर की दूसरी किडनी थोड़ा विकसित होती है. डोनर को साल में एक बार नेफ्रोलॉजिस्ट से जरूर मिलना चाहिए. साथ ही अपने खानपान में कम नमक का सेवन करना चाहिए और पेन रिलीफ दवाइयों से बचना चाहिए. अगर खानपान और लाइफस्टाइल अच्छी रखी जाए तो डोनर और प्राप्तकर्ता दोनों एक लंबी उम्र जी सकते हैं.


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