नयी दिल्ली: इंडिया में फर्स्‍ट टाइम सफदरजंग अस्पताल के स्पोर्ट्स इंजरी सेंटर में कंधे के खिसकने के इलाज के लिए आथ्रेस्कोपिक लेटरजेट प्रक्रिया की शुरूआत  की जाएगी. यह समस्या खिलाड़ियों में आमतौर पर देखी जाती है.

फ्रांस के नीस स्थित मेडिकल यूनिवर्सिटी ऑफ नीस-सोफिया-एंटीपोलिस में ऑथरेपेडिक सर्जरी और स्पोर्ट्स ट्रोमेटोलॉजी डिपार्टमेंट के डॉ पास्कल बोइलियू जल्‍द ही इस प्रक्रिया से इलाज करेंगे जो इस टेक्‍नीक के प्रमोटर हैं.

सेंटर के निदेशक डॉ दीपक चौधरी ने कहा कि यह एक प्रमुख प्रोसेस है जिसमें एक सेंटीमीटर के दो से तीन चीरे लगाये जाते हैं. फिलहाल कई सेंटर्स में एक खुली तकनीक से यह सर्जरी की जाती है जिसमें 5 से 7 सेंटीमीटर का चीरा लगाया जाता है.