वाशिंगटन: अगर धूम्रपान की आदत छोड़ना इस बार आपके नए साल का संकल्प है तो आपको शराब की आदत भी छोड़नी पड़ेगी. एक नए रिसर्च के मुताबिक, धूम्रपान छोड़ने की कोशिश कर रहे ज्यादातर शराब पीने वाले लोग यह पाएंगे कि कम शराब पीने से उन्हें रोज धूम्रपान करने की आदत छोड़ने में भी मदद मिल सकती है. यह रिसर्च पत्रिका निकोटिन एंड टोबैको रिसर्च में प्रकाशित हुआ है.
बहुत ज्यादा शराब पीने वाले लोग अगर अपनी इस आदत पर नियंत्रण पा लेते हैं तो उनकी निकोटिन मेटाबोलाइट दर कम होती है. पहले के शोध से भी यह पता चला है कि अत्यधिक निकोटिन मेटाबोलिज्म दर वाले लोग अधिक धूम्रपान करते हैं और उन्हें यह आदत छोड़ने में भी काफी मुश्किल होती है. अमेरिका में ओरेगोन स्टेट यूनिवर्सिटी में सहायक प्रोफेसर सारा डर्मोडी ने बताया कि कम शराब पीने से किसी व्यक्ति की निकोटिन मेटाबोलिज्म दर कम होना उसे धूम्रपान छोड़ने में मदद कर सकती है जो कि एक मुश्किल काम है.
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इससे पहले एक शोध में ये बात सामने आई थी कि बीड़ी पीने से स्वास्थ्य को होने वाले नुकसान और समय से पहले मौत होने से भारत को सालाना 80,000 करोड़ रुपये की कीमत चुकानी पड़ती है. जोकि देश में स्वास्थ्य पर होने वाले कुल खर्च का दो फीसदी है.
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