दो साल की भयंकर कोरोना महामारी के बाद यह देखने को मिला है कि जो लोग खुद को दूसरे के मुकाबले कम अट्रैक्टिव मानते हैं, उनके द्वारा मास्क लगाने की संभावना ज्यादा रहती है. इसके पीछे की वजह यह है कि वे मानते हैं कि मास्क लगाने के बाद वो दूसरों पर अच्छा प्रभाव डाल पाएंगे. यह अध्ययन हाल ही में फ्रंटियर्स इन साइकोलॉजी में पब्लिश किया गया है. रिसर्च बताती है कि लोगों ने मास्क को अट्रैक्टिवनेस से जोड़ दिया है. जो लोग खुद को कम अट्रैक्टिव समझते हैं, वे अक्सर अच्छा दिखने के लिए मास्क का इस्तेमाल करते हैं. 


इस अध्ययन के लेखकों ने कहा कि हमारे निष्कर्ष बताते हैं कि कोरोना महामारी के दौरान लोग मास्क खुद को संक्रमण से बचाने के लिए पहनते थे, जबकि अब खुद को अच्छा और प्रभावशाली दिखाने के लिए पहन रहे हैं. सियोल नेशनल यूनिवर्सिटी में साइकोलॉजी के प्रोफेसर इंचियोल चोई ने कहा कि कुछ लोग अब भी मास्क पहनना पसंद करते हैं, जबकि कुछ लोगों ने इसे पूरी तरह से पीछे छोड़ दिया है. 


एक्सप्रेशन को छिपा लेते हैं मास्क


फॉक्स न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, नॉर्थ कैरोलिना के डरहम में नॉर्थ कैरोलिना सेंट्रल यूनिवर्सिटी में साइकोलॉजिस्ट और प्रोफेसर डॉ. क्रिस्टोफर एल. एडवर्ड्स ने बताया कि मास्क ने कई लोगों की अपने नेगेटिव एक्सप्रेशन्स को छिपाने में मदद की है. जबकि कुछ लोगों ने इसका इस्तेमाल अपने चेहरे को छिपाने के लिए किया, क्योंकि वे खुद को कम अट्रैक्टिव मानते हैं.  


खुद को अट्रैक्टिव समझने वाले लोग नहीं पहनना चाहते मास्क


वही, इसपर एक बार फिर से अध्ययन किया गया. इस अध्ययन में 244 लोगों से यह इमेजिन करने को कहा गया कि वे यह सोचें कि उन्हें नौकरी के इंटरव्यू के लिए एक ईमेल मिला है. इसके बाद लोगों से सवाल किया गया कि क्या वे नौकरी के इंटरव्यू के लिए मास्क पहनकर जाएंगे या नहीं? क्या इंटरव्यू लेने वाले को वे मास्क में अच्छे लगेंगे या बिना मास्क के? परिणामों से मालूम चलता है कि जो लोग खुद को अट्रैक्टिव मानते हैं, वे मास्क के इस्तेमाल से बचना पसंद करेंगे. क्योंकि उन्हें लगता है कि मास्क उनकी पर्सनैलिटी को खराब कर देगा और उन्हें कम अट्रैक्टिव बना देगा. जबकि जो लोग खुद को अट्रैक्टिव नहीं मानते, वे मास्क पहनना पसंद करेंगे. 


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