कम पढ़े-लिखे लोग हो जाते हैं डिप्रेशन का शिकार? जानिए नई रिसर्च में क्या हुआ खुलासा
कम साक्षरता वाले लोग अधिक मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं जैसे अकेलापन, अवसाद और चिंता का सामना करते हैं. नई रिसर्च में और भी कई बातें सामने आई हैं.

Poor Literacy Linked To Mental Health: ऑफिस की भागदौड़ में हम इतने बिजी हो गए हैं कि ना तो हमें अपने खाने-पीने का ध्यान है ना ही जीवन शैली का कोई ख्याल है यही वजह है कि हमारा मानसिक स्वास्थ्य दिन-ब-दिन खराब होता जा रहा है. स्ट्रेस और डिप्रेशन लोगों की जिंदगी पर कब्जा करता जा रहा है. डब्ल्यूएचओ के मुताबिक तो दुनिया भर में लगभग 30 करोड़ से ज्यादा लोग डिप्रेशन जैसी समस्याओं से ग्रस्त हैं.
अभी हाल ही में मेंटल हेल्थ प्रॉब्लम को लेकर एक रिसर्च सामने आई है यह रिसर्च भारत समेत 9 देशों में की गई है. मेंटल हेल्थ एंड सोशल इंक्लूजन नाम के जर्नल में प्रकाशित इस रिसर्च में यह सामने आया है कि जो लोग कम पढ़े लिखे होते हैं उन्हें अकेलापन,एंग्जाइटी और डिप्रेशन जैसी तमाम समस्याएं देखने को मिलती है.
विकासशील देशोंं में साक्षरता दर कम हैै
ब्रिटेन यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्ट एंग्लिया के रिसर्च ने पाया कि जो महिला कम या बिल्कुल कम पढ़ी लिखी थी उन पर इसका असर देखने को मिला है. रिसर्चर्स की मानें तो पिछले 50 सालों में साक्षरता दर में वृद्धि के बावजूद वैश्विक स्तर पर अभी भी 773 मिलीयन व्यस्क हैं जो पढ़े-लिखे नहीं है. इस रिसर्च के मुताबिक विकासशील और संघर्ष के इतिहास वाले देशों में साक्षरता दर कम है. उसके अलावा महिलाएं भी असमान रूप से इससे प्रभावित है.
क्या कहती है रिसर्च?
शोधकर्ताओं ने यह बताया कि जो लोग ज्यादा पढ़े लिखे हैं अच्छा कमाते हैं, अच्छा खाते हैं और अच्छा पहनते हैं ऐसे लोगों में बेहतर सामाजिक परिणाम निकल कर आए हैं. शोधकर्ताओं ने मान लिया है पढ़ने या लिखने में सक्षम नहीं होना एक व्यक्ति को जीवन भर पीछे छोड़ देता है और वे अक्सर गरीबी में फंस जाते हैं या अपराध करने की संभावना बढ़ जाती है.यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्ट एंग्लिया के नॉर्विक मेडिकल स्कूल में बोनी टैग कहते हैं कि साक्षरता और मानसिक विकास के बीच संबंधों की जांच करने वाले कुछ शोध हुए हैं, लेकिन वैश्विक स्तर पर इस मुद्दे को देखने वाला यह पहला रिसर्च है.
कम साक्षरता और डिप्रेशन में गहरा संबंध
टीम ने साक्षरता और मानसिक स्वास्थ्य दोनों को मापने वाले 19 अध्ययनों के डेटा की समीक्षा की, ये अध्ययनों अलग-अलग देशों अमेरिका चीन नेपाल थाईलैंड ईरान भारत, घाना, पाकिस्तान और ब्राजील में हुए हैं. इसमें लगभग 2 मिलियन प्रतिभागियों को शामिल किया गया."कम साक्षरता वाले लोगों में चिंता और अवसाद जैसी मानसिक स्वास्थ्य कठिनाइयाँ अधिक थीं,"विशेषज्ञों नें कहा हम निश्चित रूप से यह नहीं कह सकते हैं कि खराब साक्षरता खराब मानसिक स्वास्थ्य का कारण बनती है, लेकिन इन दोनों के बीच एक मजबूत संबंध है,"हालांकि, आंकड़ों से पता चलता है कि इन जगहों पर भी साक्षरता कौशल के बिना लोगों के लिए बदतर मानसिक स्वास्थ्य देखा जाता है..
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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