किशोरों को दुखी कर सकता है स्मार्टफोन का प्रयोग
चौबीसों घंटे स्मार्टफोन से चिपके रहने वाले टीनेजर्स फोन से दूर रहने वाले अपनी उम्र के अन्य टीनेजर्स के मुकाबले ज्यादा दुखी रहते हैं. एक नई रिसर्च में ये बात सामने आयी है.
वाशिंगटन: चौबीसों घंटे स्मार्टफोन से चिपके रहने वाले टीनेजर्स फोन से दूर रहने वाले अपनी उम्र के अन्य टीनेजर्स के मुकाबले ज्यादा दुखी रहते हैं. एक नई रिसर्च में ये बात सामने आयी है.
कैसे की गई रिसर्च- अमेरिका स्थित जॉर्जिया विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने अमेरिका के 10 लाख से ज्यादा टीनेजर्स से जुड़े आंकड़ों का विश्लेषण किया है. सर्वे में विद्यार्थियों से पूछा गया कि वह अपने फोन, टैबलेट और कंप्यूटर के साथ कितना समय गुजारते हैं. उनसे सामान्य आमने-सामने होने वाले सामाजिक बातचीत और इससे मिलने वाली खुशी के बारे में भी सवाल किये गये.
रिसर्च के नतीजे- रिसर्च में ये बात सामने आयी कि कंप्यूटर गेम्स खेलने, सोशल मीडिया, संदेश भेजने, वीडियो चैटिंग करने सहित फोन आदि पर ज्यादा वक्त गुजारने वाले रिसर्च इन डिवाइस से दूर रहने वाले टीनेजर्स के मुकाबले ज्यादा दुखी रहते हैं.
क्या कहती है रिसर्च- रिसर्च के अनुसार, खेल-कूद, अखबार-पत्रिकाएं पढ़ने, लोगों से बातचीत करने वाले टीनेजर्स ज्यादा खुश रहते हैं. रिसर्च करने वालों का मानना है कि फोन आदि पर ज्यादा समय गुजारने से टीनेजर्स में सैडनेस बढ़ रही है.
इमोशन नामक पत्रिका में प्रकाशित इस अध्ययन के परिणाम के मुताबिक, फोन आदि पर ज्यादा से ज्यादा समय गुजारने की स्थिति में धीरे-धीरे अप्रसन्नता बढ़ती जाती है. ये रिसर्च के दावे पर हैं. ABP न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता. आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने एक्सपर्ट की सलाह जरूर ले लें.
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