Dengue Prevention: पिछले कई दिनों से हो रही बारिश के कारण जगह-जगह जलभराव हो रहा है. इसी रुके पानी में डेंगू व मलेरिया के मच्छर पैदा हो रहे हैं. मलेरिया का खौफ तो  उतना नहीं है, लेकिन डेंगू की दस्तक ने लोगों को कंपाना जरूर शुरू कर दिया है. दिल्ली में पिछले एक सप्ताह में 100 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं. वहीं देश में इस सीजन में 30 हजार से अधिक डेंगू केस रिपोर्ट हुए हैं. दिल्ली, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, जम्मू कश्मीर समेत सभी राज्यों में कहीं कम कहीं ज्यादा केस हैं.


एक मच्छर ही काफी है तबियत बिगाड़ने के लिए


डेंगू बुखार एडीज मच्छरों के काटने से होता है. डेंगू के मच्छर ज्यादातर दिन के समय में काटते हैं. डॉक्टरों का कहना है कि जरूरी नहीं है कि अधिक मच्छर काटे, तब ही डेंगू हो. एक इन्फेक्टेड मच्छर भी आपको डेंगू दे सकता है. इसी इन्फेक्टेड मच्छर के काटने से लक्षण नजर आने में 5 से 7 दिन लग जाते हैं. इसे ही इनक्यूबेशन पीरियड कहा जाता है. डेंगू इन्फेक्टेड होने पर तेज बुखार चढ़ता है. कई बार यह 105º F को पार कर जाता है. लक्षणों की बात करें तो जोड़ों में तेज दर्द, गंभीर सिरदर्द, छाती, पीठ या पेट पर लाल चकत्ते और उल्टी और दस्त शामिल हैं.


तेजी से घटती है प्लेटलेट्स


डेंगू होने के बाद तेजी से प्लेटलेट्स घटती हैं. डॉक्टरों के मुताबिक, इन्फेक्टेड ब्लड होने के कारण प्लेटलेट्स भी इन्फेक्टेड होने लगती हैं. यही इन्फेक्टेड प्लेटलेट्स हेल्दी प्लेटलेट्स को तेजी से खत्म करती हैं. डॉक्टर इलाज में हेल्दी प्लेटलेट्स की संख्या ही बढाते हैं. प्लेटलेट्स की संख्या 1.5 लाख से 4.5 लाख के बीच होनी चाहिए. इससे कम या अधिक होने पर स्थिति बिगड़ सकती है. 


ड़ेंगू से बचाव का करें इंतजाम


डेंगू से बचाव का सबसे बढ़िया तरीका है डेंगू का बॉडी के पास फटकने न देना. इसके लिए पूरी आस्तीन वाले कपड़े पहनें. डेंगू के मच्छर आम तौर पर रुके हुए और साफ पानी में लार्वा पैदा करते हैं, इसलिए मच्छरों को बढ़ने से रोकने के लिए पानी इकट्ठा न होने दें. सप्ताह में कम से कम एक बार खाली कंटेनर, फूलदान, कूलर का पानी निकालकर साफ करें. जहां रूका हुआ पानी जमा है, वहां दवा छिड़ककर लार्वा को खत्म कर सकते हैं.


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