कमर के निचले हिस्से में रहता है दर्द तो आपको जरूर पता होनी चाहिए ये बातें
कमर दर्द को सिर्फ पेन किलर खाकर, सिकाई करके या मसाज से मैनेज न करें. इनसे दर्द का असहसास कम होता है लेकिन दर्द वहीं रहता है. दर्द को मैनेज करने से आने वाले समय में यह गंभीर बीमारी बन सकता है
कमर दर्द की समस्या हर व्यक्ति को जीवन में कभी न कभी जरूर होती है. कम या ज्यादा, यह आपके ऊपर निर्भर करता है कि आप इसे शुरुआती स्तर पर ही बढ़ने से रोक लेते हैं या अनदेखा करके इस बीमारी को और गंभीर होने देते हैं. आजकल के समय में जब युवा हर दिन 10 से 12 घंटे लैपटॉप और कंप्यूटर पर काम करते हैं तो कमर दर्द की समस्या अब 25-26 साल के युवाओं को भी परेशान करने लगी है. ऐसे में इस बीमारी को लेकर जागरूता जरूरी है. नहीं तो कमर का यह दर्द आपको सालों साल बिस्तर पर लेटे रहने के लिए भी मजबूर कर सकता है...
कमर दर्द से जुड़े फैक्ट्स
- लोअर बैक पेन के 90 प्रतिशत मामलों में सर्जरी की कोई जरूरत नहीं होती है. सही डायट, जरूरी एक्सर्राइज और सही पोश्चर के साथ कमर के दर्द को नियंत्रित रखा जा सकता है.
- 35 साल से 55 साल की उम्र के लोगों में लोअर बैक पेन सबसे अधिक देखने को मिलता है.
- लोअर बैक पेन के लिए हमेशा डिस्क जिम्मेदार नहीं होती है बल्कि ज्यादातर मरीजों में स्पाइन के छोटे-छोटे जोड़ों में हुई दिक्कत के कारण लोअर बैक में पेन बढ़ता है.
- अगर यह दर्द लंबे समय तक बना रहे तो मरीजों में एंग्जाइटी और डिप्रेशन जैसी मानसिक बीमारियां घर करने लगती हैं और पेशंट सुसाइड की तरफ बढ़ सकता है.
- जो लोग एक जगह पर बैठकर काम करने वाले प्रफेशन से जुड़े होते हैं, ऐसे लोगों में लोअर बैक पेन की समस्या उन लोगों से बहुत अधिक होती है, जो शारीरिक रूप से ऐक्टिव रहते हुए अपने काम करते हैं.
- लोअर बैक पेन से परेशान और इलाज करा रहे लोगों में 85 प्रतिशत को ऐसी कोई घटना याद नहीं आती, जिसके कारण उन्हें कमर के निचले हिस्से का यह दर्द हुआ हो.
- सिकाई और मालिश से दर्द को मैनेज किया जा सकता है, इस समस्या को दूर नहीं किया जा सकता और ना ही ये इस समस्या का इलाज हैं. इसलिए तुरंत राहत पाने के लिए इनका सहारा ले सकते हैं लेकिन डॉक्टर की देखरेख में इलाज जरूर कराएं.
- इस दर्द का इलाज जितनी जल्दी शुरू हो जाएगा आपका गंभीर रूप से बीमार पड़ने का खतरा उतना ही कम हो जाएगा. साथ ही आपको असहनीय दर्द का सामना नहीं करना पड़ेगा.
- कुछ खास तरह के केसेज में ही डॉक्टर्स सर्जरी की सलाह देते हैं. नहीं तो सर्जन भी पहले नॉन सर्जिकल ट्रीटमेंट की सलाह देते हैं. आमतौर पर गर्दन की हड्डी टूटने या लोअर बैक पेन के कारण शरीर के निचले हिस्सों जैसे ब्लेडर और बाउल में होने वाली समस्याओं के कारण सर्जरी की सलाह दी जाती है.
डॉक्टर को कब दिखाएं?
- अगर आपकी कमर के निचले हिस्से में तेज या बहुत तेज दर्द दो दिन या इससे ज्यादा समय से हो रहा हो.
- हल्के कमर दर्द के साथ आपकी पीठ और पैरों में खिंचाव, दुखन और ऐंठन हो रही हो.
- सप्ताहभर घरेलू नुस्खे अपनाने के बाद भी आपका दर्द पूरी तरह ठीक न हो रहा हो.
- अगर दवाई लेने के बाद दर्द में राहत मिले और दवाई का असर जाने के बाद फिर से दर्द बढ़ जाए तो बार-बार पेनकिलर खाने की गलती ना करें बल्कि हड्डियों के डॉक्टर से मिलें.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
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