डायबिटीज मरीजों के लिए सबसे जरूरी चीज है ब्लड शुगर को मेंटेन करना. अगर खानपान या लाइफस्टाइल में थोड़ी सी भी गड़बड़ी हुई तो डायबिटीज मरीज के लिए यह प्रॉब्लम शुरू कर सकती है. लीची जैसे मीठे फल कौन नहीं खाना चाहता है.  डायबिटीज मरीजों को अक्सर अपना ब्लड शुगर कंट्रोल करने की सलाह दी जाती है. हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स से भरपूर फूड प्रोडक्ट नहीं खाने चाहिए. डायबिटीज मरीजों के लिए फ्रूट्स खाना अच्छा होता है. 


लीची कितनी है मीठी


लीची में चीनी की मात्रा काफी अधिक होती है. इसमें हाई शुगर होता है. साथ ही इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स 50 का होता है. एक कप लीची में 29 ग्राम नेचुरल शुगर होता है. 


लीची में नेचुरल शुगर होती है जो रिफाइंड शुगर के मुकाबले काफी ज्यादा फायदेमंद होता है. 55 से भी कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाला यह फूड आइटम होते हैं. यह ब्लड सर्कुलेशन में धीरे-धीरे चीनी रिलील करता है. जो ब्लड में शुगर का लेवल बढ़ने से रोकता है. 


डायबिटीज मरीजों को लीची खाने से बचना चाहिए?


लीची में नैचुरल शुगर होता है. लीची में चीनी की मात्रा कम पाई जाती है. जो डायबिटीज मरीजों के लिए पूरी तरह से सुरक्षित है. 


लीची में फ्रुक्टोज होता है जिसके कारण यह खाने के बाद धीरे-धीरे पचता है. ब्लड में शुगर धीरे-धीरे घुलती है. फ्रुक्टोज वह चीनी होती है जो फल में काफी ज्यादा मौजूद होती है. यह एक ऐसी चीनी होती है जो पाचन और इंसुलिन के लिए जरूरत होती है. 


डायबिटीज मरीज अगर लीची खाते भी हैं तो वह कैलोरी का ध्यान रखें. लीची खाने का सही वक्त दोपहर या सुबह का होता है. क्योंकि इसमें मौजूद कार्ब्स तो तोड़ने के लिए वक्त चाहिए. यह शरीर को एनर्जी देने का काम करती है. रात में खाने से पहले या सोने से पहले लीची न खाएं यह ब्लड में शुगर लेवल काफी तेजी से बढ़ा सकता है. डायबिटीज मरीज है तो एक लिमिट मात्रा में लीची खाएं. 


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें. 


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