गुलियन-बैरी सिंड्रोम से एक और शख्स की मौत, पुणे में तेजी से बढ़ रहे है मामले; जानें इसके लक्षण
पुणे और महाराष्ट्र में गुलियन-बैरी सिंड्रोम-बैरी सिंड्रोम के केसेस की संख्या 130 तक पहुंच गई है. इसके कारण अब तक 2 लोगों की मौत हुई है.
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स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पुणे और महाराष्ट्र के कुछ अन्य जिलों में गुलियन-बैरी सिंड्रोम (GBS) के केसेस लगातार बढ़ रहे हैं. इसकी संख्या अब बढ़कर 130 हो गई है. राज्य में अब तक दो मरीजों पुणे की 56 साल की महिला और सोलापुर जिले के एक पुरुष - की संदिग्ध जीबीएस के कारण मृत्यु हो चुकी है. अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि पिछले दिन तीन नए संदिग्ध संक्रमण के मामले दर्ज किये गये.
अब तक इस बीमारी के मरीजों की संख्या
अब तक जीबीएस से जुड़े कुल 130 संदिग्ध मरीज़ और दो संदिग्ध मौतें दर्ज की गई हैं. इनमें से 73 में जीबीएस के पुष्ट मामले पाए गए हैं. 25 मरीज़ पुणे नगर निगम क्षेत्रों से हैं. 74 पीएमसी के अंतर्गत नए जोड़े गए गांवों से 13 पिंपरी-चिंचवड़ नगर निगम क्षेत्रों से, नौ पुणे ग्रामीण से और नौ अन्य जिलों से हैं.
गुलियन-बैरी सिंड्रोम (GBS) एक गंभीर बीमारी है और यह अचानक होती है जिसमें नसें सूजने लगती हैं. हमारे शरीर में माइलिन शीट नामक एक परत होती है जो नसों के सही तरीके से काम करने के लिए जरूरी होती है. इस सिंड्रोम के कारण डिमाइलिनेशन होने लगता है क्योंकि हमारा इम्यून सिस्टम नसों की उस सुरक्षात्मक परत पर हमला करना शुरू कर देता है. हमें बीमारियों से बचाने का काम करने वाला इम्यून सिस्टम हमारी माइलिन शीट पर हमला करता है। इससे कई नसें प्रभावित होती हैं, इसीलिए इसे AIDP भी कहते हैं.
गुलियन-बैरी सिंड्रोम (GBS) के लक्षण
गुलियन-बैरी सिंड्रोम के लक्षणों की बात करें तो सबसे पहले पैरों में कमजोरी शुरू होती है. यह कमजोरी शरीर में ऊपर की ओर बढ़ती है. सर्दी, खांसी या डायरिया जैसे किसी भी वायरल संक्रमण से यह शुरू हो सकता है. किसी भी सर्जरी और वैक्सीन से यह सिंड्रोम हो सकता है.
जिसके बाद हमारा इम्यून सिस्टम हमारे ही शरीर पर हमला करता है. इसके लक्षण तेजी से फैलते हैं. हालांकि, अच्छी बात यह है कि ज्यादातर मामलों में. हफ्ते के अंदर चीजें स्थिर हो जाती हैं। लेकिन 20 फीसदी मामलों में मरीज को वेंटिलेटर पर रखने की जरूरत पड़ती है.
चलने में दिक्कत
हाथ-पैर हिलाने में दिक्कत
रीढ़ की हड्डी में कमजोरी
चेहरे के पक्षाघात के लक्षण
छाती की मांसपेशियों में कमजोरी
बोलने और खाने में दिक्कत
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सांस लेने में दिक्कत
कमज़ोर नज़र
शरीर का संतुलन खोना
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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