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सितंबर-नवंबर के महीने में बच्चों में यह बीमारी फैलने का रहता है डर, इन तीन बात का जरूर रखें ख्याल

'इन्फ्लुएंजा' जिसे एक फ्लू के नाम से जाना जाता है. यह एक संक्रामक बीमारी है. जो खासकर बच्चे की सांस की नली को प्रभावित करती है.

'इन्फ्लुएंजा' जिसे एक फ्लू के नाम से जाना जाता है. यह एक संक्रामक बीमारी है. जो खासकर बच्चे की सांस की नली को प्रभावित करती है. इन्फ्लुएंजा के लक्षण हल्के से गंभीर हो सकते हैं. इसके लक्षण कभी-कभी इतने गंभीर हो सकते हैं कि बच्चे हॉस्पिटल में एडिमट करवाना पड़ सकता है और इसमें जान भी जा सकती है. बच्चों में इन्फ्लुएंजा के लक्षण कुछ इस तरह के होते हैं जैसे-  बुखार, ठंड लगना, खांसी, बहती या बंद नाक, गले में खराश, शरीर में दर्द, सिरदर्द, थकान और कभी-कभी उल्टी और पेट खराब शामिल है.

बीमारी को लेकर जरूर फैलाएं जागरूकता

जब तरह-तरह के संक्रामक बीमारी फैल रही है वैसी स्थिति में बच्चों में इन्फ्लूएंजा के संकेतों और लक्षणों के बारे में जागरूक होना बेहद महत्वपूर्ण है. यदि आपको इसके हल्के लक्षण भी दिखाई दे रहे हैं तो बिना समय गवाएं डॉक्टर से जरूर संपर्क करें. हालांकि बच्चों को इन्फ्लुएंजा के फ्लू से बचाने के लिए टीके हैं. यह वायरस बच्चे को हानि न पहुंचा पाए ऐसे में जरूरी है कि बच्चे की साफ-सफाई का खास ख्याल रखा जाए. 

इस बीमारी के कई कारण हो सकते हैं

हालांकि, इन्फ्लुएंजा फैलने के लिए पीछे अक्सर तापमान में गिरावट या गर्मी में उतार-चढ़ाव को जिम्मेदार ठहराया जाता है. लेकिन लोग इन बातों को कभी भी गंभीरता से नहीं लेते हैं. लेकिन, बच्चों में ये लक्षण भले ही मौसम परिवर्तन के कारण आए हों. उन्हें नज़रअंदाज नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि ये फ्लू का संकेत हो सकते हैं. मानसून और सर्दियों के दौरान तापमान में उतार-चढ़ाव होने पर फ्लू का वायरस तेजी से फैलता है. इसलिए, सितंबर और नवंबर के बीच के महीनों को भारत में 'फ्लू सीज़न' कहा जाता है. इस मौसम में बच्चों को फ्लू से बचाने के लिए हरसंभव कोशिश करनी चाहिए. 

यह फ्लू ऐसे खतरनाक होते हैं कि 5 साल से कम उम्र वाले बच्चों को फ्लू के कारण हॉस्पिटल में एडमिट करने की संभावना 7 गुना अधिक बढ़ी है. गंभीर से गंभीर मामलों में भी बच्चों को ठीक होने में 8-10 दिन लग सकते हैं. कोई भी माता-पिता अपने बच्चों के लिए इस प्रकार का कष्ट नहीं चाहता.

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन

विश्व स्वास्थ्य संगठन और यूनिसेफ द्वारा जारी नए आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल की तुलना में 2022 में दुनिया भर में कम बच्चे नियमित टीकाकरण से चूक गए, जो कि COVID-19 महामारी के बाद बचपन के टीकाकरण में वापसी का संकेत देता है.

इन्फ्लुएंजा वाली गंभीर फ्लू से बचाने के लिए हेल्थ एक्सपर्ट तीन तरह के सुझाव देते हैं:-

सबसे पहला कि बच्चों के इन्फ्लुएंजा की वैक्सीन जरूर दिलवाएं. नहीं तो वो कब इस फ्लू के चपेट में आ जाएंगे आपको पता भी नहीं चलेगा.

बच्चों की साफ-सफाई का खास ध्यान रखें . क्योंकि गंदगी की वजह से भी फ्लू अटैक करती है.

Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.

अगर आपको अपने बच्चे में इंफ्लुएंजा के लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो उन्हें भूल से भी स्कूल न भेजे. या बाहर खेलने के लिए न भेजे नहीं तो उनकी स्थिति और खराब हो सकती है.

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