कोरोना के हल्के लक्षणों के इलाज में कारगर है मलेरिया की दवा आयुष 64, जानें इसके और फायदे
आयुष मंत्रालय ने कहा है कि वैज्ञानिकों ने आयुर्वेदिक दवा आयुष-64 कोविड-19 के इलाज में भी मुफीद साबित हो रही है. उसका इस्तेमाल एसिम्पटोमैटिक, कोविड-19 के हल्के और मध्य संक्रमण के खिलाफ मानक चिकित्सा के सहायक के तौर पर किया जा सकता है.
![कोरोना के हल्के लक्षणों के इलाज में कारगर है मलेरिया की दवा आयुष 64, जानें इसके और फायदे Malaria drug Ayush-64 is proving useful in the treatment of asymptomatic, mild and moderate covid-19 infection , know its more benefits कोरोना के हल्के लक्षणों के इलाज में कारगर है मलेरिया की दवा आयुष 64, जानें इसके और फायदे](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2021/04/30/fc83e2c2eca195be53e210e46a2b59d0_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
कोरोना वायरस की दूसरी लहर में संक्रमण के मामले अप्रत्याशित रूप से बढ़ रहे हैं. सरकार कोविड-19 के खिलाफ सुरक्षा उपलब्ध कराने के लिए टीकाकरण अभियान चला रही है. इस बीच, आयुष मंत्रालय ने वैज्ञानिकों के हवाले से आयुर्वेदिक दवा आयुष-64 पर बड़ा दावा किया है. उसका कहना है कि कोविड-19 के इलाज में मानक चिकित्सा के सहायक के तौर पर दवा फायदेमंद साबित हो रही है. 1980 में मलेरिया के इलाज के लिए दवा को विकसित किया गया था और अब कोविड-19 के इलाज में फिर शामिल की जा रही है.
क्या मलेरिया की दवा से होगा कोरोना संक्रमण का इलाज?
आयुष-64 कोरोना संक्रमण के एसिम्पटोमैटिक, हल्के और मध्यम लक्षण के इलाज में इस्तेमाल की जा सकती है. गुरुवार को आयुष मंत्रालय ने इसकी सिफारिश की. आयुष में नेशनल रिसर्च प्रोफेसर भूषण पटवर्धन ने ऑनलाइन प्रेस को संबोधित करते हुए कहा، "उसमें सूजन रोधी और एंटी वायरल गुण हैं जो कोविड-19 और फ्लू जैसी बीमारी से लड़ सकते हैं." सेंटर फोर रूमेटिक डिजीज, पुणे के डायरेक्टर अरविंद चोपड़ा ने बताया कि इस सिलसिले में दवा का परीक्षण तीन केंद्रों पर किया गया था.
आयुर्वेदिक दवा आयुष-64 कोविड-19 के इलाज में मुफीद
किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ, दत्ता मेघा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, वर्धा और बीएमडी कोविड सेंटर, मुंबई में मानव परीक्षण के लिए हर जगह 70 प्रतिभागियों को शामिल किया गया. अरविंद चोपड़ा ने बताया कि जिन मरीजों को आयुष-64 दवा का इस्तेमाल कराया गया, उनकी जांच रिपोर्ट साढ़े छह दिन में निगेटिव आ गई जबकि जिन लोगों को दवा नहीं खिलाया गया, उनके रिकवर होने में 8.3 दिन का समय लगा. हालांकि, इलाज के दौरान जिन मरीजों को रोजाना दो बार टैबलेट दिए जाते थे, उनको सलाह दी गई थी कि RT-PRC रिपोर्ट के निगेटिव आने के बाद दो से तीन सप्ताह तक टैबलेट लेना जारी रखें.
चोपड़ा के मुताबिक, रिसर्च में पाया गया कि आयुष 64 के असर से चिंता, तनाव, थकान में कमी हुई और भूख को बढ़ावा मिला. दवा का स्पष्ट लाभकारी प्रभाव आम स्वास्थ्य, खुशी और नींद पर भी देखा गया. दवा के परीक्षण ने पर्याप्त सबूत उपलब्ध कराए कि आयुष 64 को प्रभावी और सुरक्षित तरीके से मानक इलाज के सहायक के तौर पर कोविड-19 के हल्के से लेकर मध्यम लक्षणों में दी जा सकती है. अधिकारी ने हालांकि ये भी कहा कि आयुष-64 दवा के मरीजों को अभी भी मॉनिटरिंग करने की जरूरत होगी.
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