क्या किसी बीमारी का आपके स्पर्म काउंट पर पड़ता है असर? जान लीजिए जवाब
सामान्य तौर पर पुरुषों के वीर्य (Semen) में प्रति मिलीलीटर स्पर्म काउंट 1.5-3.9 करोड़ तक होता है. अगर प्रति मिलीलीटर स्पर्म काउंट 1.5 करोड़ से कम हो जाता है, तो इसका इलाज जरूरी हो जाता है.
Male Infertility : खानपान और लाइफस्टाइल का सीधा असर पुरुषों की फर्टिलिटी पर पड़ता है. आजकल हम जिस तरह के बिजी शेड्यूल में उलझे हैं, उसका असर स्पर्म काउंट पर पड़ रहा है. ह्यूमन रिप्रोडक्शन अपडेट जर्नल की रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत ही नहीं दुनियाभर के पुरुषों का स्पर्म काउंट 45 सालों में आधे से ज्यादा घट गया है. सबसे ज्यादा असर भारतीय मर्दों के स्पर्म काउंट पर पड़ रहा है.
सामान्य तौर पर पुरुषों के वीर्य (Semen) में प्रति मिलीलीटर स्पर्म काउंट 1.5-3.9 करोड़ तक होता है. अगर प्रति मिलीलीटर स्पर्म काउंट 1.5 करोड़ से कम हो जाता है, तो इसका इलाज जरूरी हो जाता है. इसका पता डॉक्टर मेडिकल टेस्ट के जरिए लगाते हैं. स्पर्म काउंट पर सिर्फ डाइट और रुटीन ही नहीं कुछ तरह की बीमारियों का भी असर पड़ सकता है. इनकी वजह से पुरुषों का स्पर्म काउंट प्रभावित हो सकता है.
यह भी पढ़ें : हफ्ते में सिर्फ दो दिन एक्सरसाइज से एक्टिव होगा ब्रेन, बीमारियां भी होंगी कोसो दूर
पुरुषों के स्पर्म काउंट कम होने का क्या कारण है
1. खानपान और हवा से शरीर में एंडोक्राइन डिसरप्टिंग केमिकल जाता है, जब इसकी मात्रा बढ़ जाती है तो कई हॉर्मोन प्रभावित होने लगते हैं. इसका स्पर्म काउंट पर भी असर हो सकता है.
2. प्रदूषण भी काफी हद तक स्पर्म काउंट पर असर डालता है.
3. बहुत ज्यादा सिगरेट और शराब पीने से भी स्पर्म काउंट कम हो सकता है.
4. मोटापा भी स्पर्म काउंट कम होने की वजह बन सकता है.
5. सेक्स हॉर्मोन टेस्टोस्टेरोन के असंतुलन की वजह से स्पर्म काउंट में कमी आ सकती है.
क्या किसी बीमारी की वजह से स्पर्म काउंट पर असर पड़ सकता है
स्पर्म से जुड़ी जेनेटिक बीमारी, प्राइवेट पार्ट में इंफेक्शन, यौन रोग गोनोरिया जैसी कई बीमारियां है, जिसकी वजह से स्पर्म काउंट घट सकता है. अमेरिका के बाल्टीमोर के जॉन्स हॉपकिंस मेडिसिन के अनुसार, अगर किसी को टीनएज में मम्स हो चुका है तो बड़े होने पर उसका स्पर्म काउंट कम हो सकता है. इसके अलावा हाई ब्लड प्रेशर, डिप्रेशन, सिरोसिस, अल्सर, लिवर और किडनी की बीमारियों में जो दवा खाई जाती है, उसका भी फर्टिलिटी पर असर पड़ सकता है.
यह भी पढ़ें :दिल की बीमारियों का खतरा होगा कम, बस खाने में कम कर दें ये एक चीज
इन बीमारियों का भी स्पर्म काउंट पर असर
1. डायबिटीज ब्लड शुगर लेवल को प्रभावित करता है, जिससे स्पर्म काउंट में कमी आ सकती है.
2. हाइपोथायरायडिज्म थायरॉयड ग्रंथि को प्रभावित करती है, जो स्पर्म काउंट पर असर डाल सकता है.
3. वैरिकोसेल, टेस्टिकल्स (Testicles) को प्रभावित करती हैं, जो स्पर्म काउंट पर असर डाल सकते हैं.
4. प्रोस्टेट प्रॉब्लम्स से भी स्पर्म काउंट प्रभावित हो सकती है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें
यह भी पढ़ें: डायबिटीज का मरीज बना सकती है आपकी ये आदत, तुरंत सुधार लें वरना...
Check out below Health Tools-
Calculate Your Body Mass Index ( BMI )