महिलाएं आमतौर पर ऑफिस और घर के काम में उलझी रहती है और ऐसे में अपनी देखभाल नहीं कर पाती. नतीजन वे कई तरह के गंभीर रोगों से ग्रस्त हो जाती है. ऐसी ही एक बीमारी है ब्रेस्ट कैंसर.
साइलेंट किलर ब्रेस्ट कैंसर-
ब्रेस्ट कैंसर महिलाओं में काफी आम बीमारी है, लेकिन यह बीमारी बेहद खतरनाक है क्योंकि यह जानलेवा है और साइलेंटली महिलाओं को मारती है. यह बीमारी इसलिए भी घातक है क्योंकि इसका पता देर से चलता है. लेकिन अब भारत में एक ऐसा पोर्टेबल यंत्र लांच होने जा रहा है जो इस बीमारी को मात देने में किसी संजीवनी से कम नही होंगा.
ब्रेस्ट कैंसर टेस्ट-
'मैमोएलर्ट' ब्रेस्ट कैंसर का पता लगाने के लिए एक प्रभावशाली प्री स्क्रीनिंग टेस्ट है. यह छोटा सा पोर्टेबल यंत्र महिलाओं के लिए रामबाण का काम करेगा. इस डिवाइस की मदद से अब महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर जैसी घातक और खतरनाक बीमारी को मात दे सकती है क्योंकि इसके ज़रिये महिलाएं आसानी से इस बीमारी का पता लगा सकती है. एक निजी कम्पनी इस डिवाइस को भारत में लॉच करने जा रही है.
क्या कहते है डॉ.-
पीओसी मेडिकल सिस्टम्स इंक के सीईओ और डॉ. संजीव सक्सेना का कहना है कि यह किट बनाई गई है जिससे 10 से 15 मिनट में टेस्ट कर सकते है. इसमें एक ड्रॉप ब्लड लीजिए, डिस्क में डालिये, डिस्क में पहले से ही री एजेंट मिले हुए है, ब्लड डिस्क में जाता है, डिफ़रेन्ट एजेंट से मिलता है और इन्कल्पबल होता है, यह सब प्रोसेस लैब में होता है. अभी इसे छोटे स्केल में किया गया है
स्क्रीनिंग टेस्ट का नाम-
ब्रेस्ट कैंसर के प्री स्क्रीनिंग टेस्ट का नाम 'मेमोएलेर्ट' रखा गया है. यह स्क्रीनिंग टेस्ट पैंडोरा सीडीएक्स तकनीक पर आधारित है, जो रक्त का एक बूंद इस्तेमाल कर 15 मिनट में बता देगा कि उस महिला को ब्रेस्ट कैंसर है कि नहीं. कम्पनी की मानें तो इस तकनीक को बनाने के लिए 4 साल का वक़्त लग गया और अमेरिका में 350 महिलाओं पर 3 स्टडीज में रिसर्च की गई है. इसके परिणाम बेहद सटीक है और अमेरिका के बाद जुलाई महीने में पहली बार भारत में लांच होगा.
देश में ब्रेस्ट कैंसर एक गम्भीर समस्या है-
आकड़ों के अनुसार, प्रति वर्ष करीब डेढ़ लाख महिलाओं में स्तन कैंसर का पता चलता है, जिसमें से तकरीबन 70 हज़ार महिलाओं की मौत इस जानलेवा बीमारी से होती है. इस हिसाब से देखें तो प्रत्येक 7 मिनट में एक महिला स्तन कैंसर से मर रही है.
इन एक्ट्रेस को हो चुका है ब्रेस्ट कैंसर-
इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि इसका पता बीमारी के अंतिम चरणों में पता चलता है और जब तक काफी देर हो जाती है. कायली मिनोग, नम्रता सिंह गुजराल, एंजेलिना जॉली, मुमताज़ ये ऐसे कुछ नाम है जो इस बीमारी के शिकार हो चुके है.
जुलाई में ये टेस्ट होगा बाजार में-
मेमोएलर्ट की विदेश में तो टेस्टिंग पूरी हो चुकी है, अब भारत में विभिन्न अस्पताल और कैंसर इंस्टिट्यूट के साथ इसकी टेस्टिंग होगी और जुलाई में यह टेस्ट बाजार में उपलब्ध हो सकेंगा. अगर इसकी टेस्टिंग देश में भी सफल रही तो स्तन कैंसर के क्षेत्र में यह किसी उपलब्धियों से कम नही होगा क्योंकि यदि एक महिला कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से ग्रस्त होती है तो इसका परिणाम पूरे परिवार पर पड़ता है.