रिश्तेदारी में शादी कर लेना प्रेग्नेंसी के लिए बेहद खतरनाक, बच्चों पर पड़ सकता है ये असर
रिश्तेदारी में शादी करना प्रेग्नेंसी के लिए काफी ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है. इसका बच्चों के सेहत पर बुरा असर पड़ता है. आइए जानें डॉक्टर्स की हेल्थ पर क्या असर पड़ता है.
रिश्तेदारी में शादी करने को लेकर डॉक्टर्स ने चेताया है. कई तरह की जेनेटिक बीमारी होने का खतरा बढ़ता जाता है. जिसे लेकर डॉक्टर्स रिश्तेदारी में शादी करने से मना करते हैं. कई रिसर्च में यह बात साबित हुई है कि एक ही ब्लड रिलेशन में शादी करने से शरीर में खून की कमी, सांस लेने में दिक्कत, चिड़चिड़ापन और खून की कमी के कारण शरीर पीला पड़ सकता है. इस तरह की जेनेटिक बीमारी होने का खतरा बढ़ सकता है. करीबी रिश्तेदारों के बीच शादी, इंटरनल ब्लड संबंधी शादी कई सारी बीमारियों का कारण बन सकता है. बच्चों में जेनेटिक विकारों के जोखिम को बढ़ा सकता है.
रिश्तेदारी में शादी के कारण कई बीमारियों का खतरा बढ़ता है
ब्लड रिलेशन में शादी करने के कारण कई सारी बीमारियों का खतरा बढ़ता है. जैसे- मधुमेह, हृदय संबंधी विकार, मोटापा और कुछ प्रकार के कैंसर. इन विकारों का जोखिम माता-पिता के बीच आनुवंशिक संबंध की डिग्री के साथ बढ़ता है.
उदाहरण के लिए, अधिक दूर के रिश्तेदारों, जैसे कि दूसरे चचेरे भाई-बहनों की तुलना में करीबी रिश्तेदारों के लिए जोखिम अधिक है. रक्त संबंध प्रजनन दर और गर्भावस्था के परिणामों को भी प्रभावित कर सकते हैं. इन परिणामों में शामिल हैं.
गर्भावस्था की बर्बादी और समय से पहले प्रसव. रक्त संबंध आबादी को तपेदिक और हेपेटाइटिस जैसे संक्रामक रोगजनकों के प्रति अधिक संवेदनशील बना सकते हैं, लेकिन यह उन्हें मलेरिया और अन्य रोगजनकों के प्रति कम संवेदनशील बना सकता है. जब समान जीन वाले दो व्यक्ति विवाह करते हैं और संतान उत्पन्न करते हैं, तो ये निष्क्रिय अप्रभावी जीन दोगुने हो जाते हैं, जिससे बच्चों में जेनेटिक प्रॉब्लम हो सकती है. हाल ही में हुए रिसर्च के मुताबिक ब्लड रिलेशन में शादी करने से दिल की बीमारी का जोखिम काफी ज्यादा बढ़ जाता है.
इन बीमारियों का बढ़ता है खतरा
माता-पिता के बीच जितना करीबी रिश्ता होगा, उतनी ही संभावना है कि वे जेनेटिक बीमारी होगी, जिससे उनके बच्चों में आम बीमारियां हो सकती हैं. उदाहरण के लिए, भाई-बहनों का डीएनए 50% साझा होता है, चाचा-भतीजी का डीएनए 25% साझा होता है, और चचेरे भाई-बहनों का डीएनए 12.5% साझा होता है. करीबी रिश्तेदारों से पैदा हुए बच्चों में होने वाली कुछ बीमारियां इस प्रकार हैं. जैसे थैलेसीमिया, सिस्टिक फाइब्रोसिस, डाउन्स सिंड्रोम, इन्फैंटाइल सेरेब्रल पाल्सी, और सुनने और देखने की अक्षमता पर भी असर पड़ता है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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