लंग्स को रखता है हेल्दी
जिन जगहों पर पॉल्यूशन बहुत होता है जैसे फैक्ट्री में, तो यहां वर्कर को पहले गुड दिया जाता था. ऐसा माना जाता था कि अगर रोजाना गुड खाया जाए तो जो भी पॉल्यूशन लंग्स में इकट्ठा हो जाता है तो गुड उसे बाहर कर देता है. यानि पॉल्यूशन को आप आसानी से डिटॉक्सीफाई कर पाते हैं.
वजन बढ़ाना है या हाइट
जिन बच्चों की हाइट नहीं बढ़ रही या वेट नहीं बढ़ रहा तो आमतौर पर गुड और दूध या गुड और चने का कॉम्बीनेशन दिया जाता है. अगर आप वजन बढ़ाने के इच्छुक है तो गुड के सेवन से आसानी से वजन बढ़ सकता है.
हीमोग्लोबिन कम है तो
गुड में आयरन, कैल्शियम , मैग्नीशियम, कॉपर और फॉस्फोरस जैसे मिनरल्स पाए जाते हैं. यदि मिनरल्स के इस मिश्रण को दूध के साथ लिया जाए तो हीमोग्लोबिन बढ़ेगा और आयरन डेफिशिएंसी भी कम होगी. गुड को रोटी और मक्खन के साथ भी खाया जा सकता है. कई लोग दाल में डालकर भी गुड खाते हैं.
एनीमिया में गुड
अगर एनीमिया है तो गुड का सेवन करना फायदेमंद है. अगर बच्चा ठीक से सब्जी नहीं खा रहा तो सब्जी में हल्का सा गुड़ का पाउडर डाल दो. गुड को चाय में शक्कर के बजाय डाल कर पी सकते हैं. ऐसा कहा जाता है कि गुड गर्म होता है तो इसका लाभ सर्दियों में ज्यादा होता है.
ध्यान रखें
- डायबिटिक पेशेंट गुड ना खाएं.
- जिनका वजन ज्यादा है वे भी कम मात्रा में गुड खाएं.
- चीनी या गुड का ऑप्शन हो तो गुड का सेवन करें.