Measles: सेंट्रल नर्वस सिस्टम को ऐसे डैमेज कर सकता है खसरा, बच्चों को तुरंत लगवाएं वैक्सीन
कोविड के बाद अब बच्चे के लिए खसरा एक खतरनाक खतरे के रूप में उभरा है. ये वायरस घातक बीमारी पैदा कर बच्चे के सेंट्रल नर्वस सिस्टम को डैमेज तक कर सकता है.
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Measles Treatment: कोविड का असर देश में उतना नहीं रहा है. कोविड को बेअसर करने में लोगों में पैदा हुई हर्ड इम्यूनिटी, एंटीबॉडी डेवलप होना और वैक्सीन इसके पीछे अहम फैक्टर रहे हैं. कोविड के कारण अन्य बीमारियों का वैक्सीनेशन प्रभावित हुआ. जिसकी वजह से कई बीमारियों के फैलने का खतरा पैदा हो गया है. मौजूदा समय में खसरे ने साइंटिस्ट और डॉक्टरों की टेंशन बड है. देश ही नहीं दुनिया में यह बड़े खतरे के रूप में सामने आया है. देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में इस वायरस ने 200 से अधिक बच्चों को अपनी चपेट में ले लिया है. 13 बच्चे इस वायरस से संक्रमित होकर जान गंवा चुके हैं. आज हम यही बताने जा रहे हैं. वायरस किस तरह से घातक होकर बच्चों के नर्वस सिस्टम पर अटैक करता है.
डैमेज कर सकता है सेंट्रल नर्वस सिस्टम
डॉक्टरों का कहना है कि अधिकांश वायरस से बचाव के लिए वैक्सीन ही कारागर मानी जाती है. डॉक्टरों का कहना है कि अभी तक स्टडी में सामने आया है कि कोई भी टीका किसी भी बीमारी से 100 प्रतिशत बचाव नहीं कर सकता. ऐसा ही खसरा के साथ है. लेकिन यदि दो वैक्सीन बच्चे को लगवा दी जाए तो वह काफी सुरिक्षत हो सकता है.
डॉक्टरों ने बताया कि यदि बच्चे को वैक्सीन नहीं लगी है और फिजिकली कमजोर है. ऐसे बच्चों में लाल आंख होना, निमोनिया, डायरिया, कानों में इन्फेक्शन, ब्रेन में इन्फेक्शन देखने को मिल सकता है. कई बार यह सबस्यूट स्क्लेरोसिंग पैनेंसेफलाइटिस बीमारी की वजह बन सकता है. इस बीमारी में सेंट्रल नर्वस सिस्टम डैमेज हो जाता है. यह बीमारी जानलेवा भी बन जाती है.
2 साल के बच्चों को अधिक खतरा
खसरा किसी भी उम्र और व्यक्ति को हो सकता है. लेकिन इसक चपेट में बच्चे ही अधिक आ रहे हैं. डॉक्टरों का कहना है कि 5 साल से कम उम्र के बच्चे इस वायरस की चपेट में अधिक आ सकते हैं. सबसे ज्यादा खतरा 2 साल तक के बच्चे के लिए है. इन बच्चों को आइसोलेट किए जाने की जरूरत है. यह बीमारी संक्रामक है और एक से दूसरी में बहुत तेजी से फैलती है
4 सप्ताह में बन जाती हैं एंटीबॉडीज
वैक्सीनेशन के बाद एंटीबॉडीज डेवलप होने में समय लगता है. डॉक्टरों का कहना है कि वैक्सीनेशन के बाद एंटीबॉडी डेवलप होने में 4 सप्ताह का समय लग जाता है. इससे बचाव के लिए सबसे अच्छा तरीका केवल वैक्सीनेशन ही है. जिन लोगों ने अभी तक बच्चों को खसरे का टीका नहीं लगवाया है. उन्हें जल्द से जल्द छोटे बच्चों को खसरे का टीका लगवा देना चाहिए.
अभी क्या दिख रहे लक्षण
वायरस के संपर्क में आने के बाद लक्षण दिखने में दस दिन लगते हैं. कुछ शुरुआती सामान्य लक्षणों में खांसी, सर्दी, नाक बहना, गले में खराश, भूख न लगना, तेज बुखार और शरीर में दर्द शामिल हैं. पांच दिनों के बाद, चकत्ते दिखाई देने लगते हैं. ये धब्बेदार लाल निशान की तरह दिखते हैं. ये आमतौर पर बच्चे के कान के पीछे से शुरू होते हैं. बाद में अन्य हिस्से में फैल जाते हैं.
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