Measles Threat: कोरोना की वजह से अब आपके लाडलों पर मंडरा रहा खसरे का खतरा, WHO ने जारी किया अलर्ट
Measles Threat in India: कोविड के कारण खसरे का वैक्सीनेशन अभियान प्रभावित हुआ. यह बीमारी अब विश्व में नए खतरे के रूप में उभर रही है. मुंबई में खसरे के कई केस मिले हैं.
Measles Treatment: कोविड ने देश और दुनिया को बुरी तरह से प्रभावित किया है. इसका असर देखा जा रहा है. केाविड के कारण कई देशों में बच्चों को खसरे का वैक्सीनेशन नहीं कराया गया. खुद भारत भी इससे अछूता नहीं रहा. देश के कई हिस्सों में खसरा फैलने का खतरा भी तेज हो गया है. मुंबई में हालात बेहद बुरे हैं. डॉक्टरों का कहना है कि खसरा बहुत अधिक संक्रामक रोग है. यानि यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में तेजी से फैलता है. यदि परिवार में किसी बच्चे को खसरा हुआ है, तो तुरंत आइसोलेट कर इलाज शुरू करा दें.
क्यों बढ़ा खसरे का खतरा?
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि विश्व के कई देेशों में खसरा फैलने का खतरा बढ़ गया है. ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि कोविड के कारण खसरे के वैक्सीनेशन में कमी आ गई. खसरे का सर्विलांस भी घट गया. इसी कारण बीमारी का खतरा बढ़ता चला गया. अब यह कई देशों में तेजी से फैल रहा है.
विश्व में 4 करोड़ बच्चे खुराक लेने से छूटे
डब्लयूएचओ, यूनिसेफ की ओर से खसरा टीकाकरण का अभियान चलाया जाता है. कोविड के कारण इस बार टीकाकरण छूट गया है. रिपोर्ट के अनुसार, 2021 में लगभग 4 करोड़ बच्चे खसरे के टीके की खुराक लेने से छूट गए हैं. 2.5 करोड़ बच्चों ने अपनी पहली खुराक नहीं ली, जबकि दूसरी खुराक न लेने वाले बच्चों की संख्या करीब 1.5 करोड़ रही है. वैश्विक स्तर पर केवल 81 प्रतिशत बच्चों को पहली खुराक मिली है और 71 प्रतिशत को दूसरी खुराक मिली है. करीब 22 बड़े देश खसरे के हमले से जूझ रहे हैं. डब्लयूएचओ के अधिकारियों का कहना है कि अगले 12 से 14 महीने तक अधिक काम करना होगा. तभी स्थिति पर काबू पाया जा सकता है.
95 प्रतिशत वैक्सीनेशन हो तो बात बने
डब्ल्यूएचओ के अधिकारियों का कहना है कि सीडीसी के अनुसार एक संक्रमित व्यक्ति कम से कम 10 नजदीकी लोगोें को संक्रमित कर सकता है. यह संख्या अधिक भी हो सकती है. वैक्सीनेशन के माध्यम से खसरे को खतरे को पूरी तरह खत्म किया जा सकता है. पॉपूलेशन के बीच प्रकोप को रोकने के लिए कम से कम 95 प्रतिशत वैक्सीन होना जरूरी है.
ये हैं लक्षण
वायरस के संपर्क में आने के लगभग 10 से 14 दिनों बाद खसरे के लक्षण दिखाई देते हैं. लक्षणों में बुखार, सूखी खाँसी, बहती नाक, गला खराब होना, आँख आना, चकत्ते होना, न्यूमोनिया, दिमाग में सूजन आना शामिल हैं. खसरे के दाने छोटे लाल धब्बों से बने होते हैं. इनमें से कुछ थोड़े उभरे हुए होते हैं. सबसे पहले चेहरे से शुरू होते हैं. अगले कुछ दिनों में दाने हाथ, छाती, पीठ, जांघ, और पैरों में फैल जाते हैं. ये चकत्ते लगभग सात दिनों तक रह सकते हैं. वे पहले चेहरे से और अंत में जांघों और पैरों से हलके हो जाते हैं. जहां पर दाने होते हैं, वो हिस्सा काला पड़ जाता है. यह करीब 10 दिन तक रहता है.
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