Menstrual Leave: हर महिलाएं पीरियड्स की दर्दनाक प्रक्रिया से गुजरती हैं. इस दौरान उन्हें कई सारी परेशानियों से गुजरना पड़ता है. भारत में काफी वक्त से मेंस्ट्रुअल लीव की मांग की जा रही है. भारत में पीरियड्स लीव को लेकर बड़ी बहस जारी है. सुप्रीम कोर्ट ने पीरियड लीव पर दखल देने से साफ इंकार कर दिया है. साथ ही केंद्र से कहा कि वह इस पर कोई नीति जरूर बनाए. आइए जानें भारत में पीरियड लीव को लेकर क्या है पूरा मामला? साथ ही जानें क्यों औरतों के लिए यह लीव है बेहद जरूरी?


डॉक्टर ने पीरियड्स में छुट्टी देने को लेकर क्या कहा?


कोलकाता के 'नरायणा हॉस्पिटल' की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर फारहेन फार्यूक से हमने इस पूरे मामले पर खास बातचीत की. हमने उनसे पूछा कि क्या औरतों को पीरियड्स के दौरान छुट्टी मिलनी चाहिए? इस पर उन्होंने कहा कि हर महिला की शारीरिक बनावट अलग-अलग है. इसी कारण हर महिला की पीरियड्स को लेकर अनुभव भी अलग हो सकते हैं.


महिलाओं का एक ग्रुप ऐसा है जिनकी पीरियड्स हेल्दी होती है. पीरियड्स कब आया और गया पता भी नहीं चलता है. वहीं कुछ महिलाओं के लिए पीरियड्स का वक्त काफी कष्टदायक होता है. कई बार तो उन्हें हॉस्पिटल में एडमिट तक करवाना पड़ जाता हैं. उन्हें काफी ज्यादा दर्द सहना पड़ता है. दर्द के साथ-साथ उल्टी, मतली, सिर्ददर्द, पैरदर्द, कमर दर्द जैसी कई शारीरिक परेशानियों से गुजरना पड़ता है. यह दर्द इतनी खतरनाक होती है कि आप इस दौरान काम क्या ठीक से उठ-बैठ तक नहीं सकते हैं.  ऐसी महिलाओं के लिए पीरियड्स के दौरान छुट्टी बेहद जरूरी हो जाती है. हर कंपनी के लिए मुमकिन नहीं है कि वह पीरियड्स में छुट्टी दे लेकिन इस दौरान वर्क फ्रॉम होम या पीरियड्स के शुरुआती 2 दिन के लिए छुट्टी की व्यवस्था की जानी चाहिए. ताकि वह घर में रहकर आराम से काम कर सके. 


पीरियड्स के दौरान महिलाओं को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है


हर महिला को इस परेशानी से गुजरना पड़ता है. पीरियड्स के दौरान कुछ महिलाओं को कई सारी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. यही कारण है कि इस मुश्किल दिनों में आराम की बेहद जरूरत होती है. इसलिए देश में पीरियड लीव की मांग की जा रही है. फिलहाल भारत में पीरियड लीव को लेकर कोई कानून नहीं बनी है. 


महिलाओं के दौरान क्यों जरूरी मेंस्ट्रुअल लीव


पीरियड्स के दौरान पीरियड लीव बेहद जरूरी होता है. पीरियड्स के दौरान कई महिलाओं को काफी ज्यादा दर्द, थकान, मूड स्विंग्स और कई तरह की शारीरिक दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इन सब की वजह से महिलाओं की क्षमता पर बहुत बुरा असर होता है. मेंस्ट्रुअल लीव के दौरान आराम की खास जरूरत पड़ती है. ताकि इसका असर उनकी कार्य क्षमता पर बुरा असर न पड़े. महिलाओं से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं पर लोग खुलकर बात ही नहीं करते हैं. इस दौरान होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं को लेकर समाज में कई मिथ है उसे दूर करना बेहद जरूरी है. छुट्टी देने से मेंस्ट्रुअल के बारे में बातचीत नॉर्मलाइज करने में मदद मिलेगी.


मेंस्ट्रुअल हाइजीन में होगी मदद


पीरियड लीव मिलने से मेंस्ट्रुअल हाइजीन मैनेज करने में आसानी होती है. इस दौरान महिलाओं को साफ-सफाई का खास ध्यान रखना चाहिए. आम दिन की तुलना में पीरियड्स के दौरान सफाई का खास ध्यान जरूरी है. पीरियड लीव मिलने पर महिलाएं अपनी जिम्मेदारियां से अलग हटकर खुद के लिए वक्त निकाल पाएंगी.


कोर्ट ने साफ कहा कि केंद्र सरकार सभी राज्यों और पक्षों के साथ बातचीत करें. कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर कोई राज्य इस पर कदम उठाना चाहती है तो केंद्र सरकार को इसके रास्ते में नहीं आना चाहिए. इससे पहले भी पीरियड लीव की मांग को लेकर याचिका दायर की गई थी तो चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच ने याचिकार्ता को नीति बनाने के लिए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय से संपर्क करने की सलाह दी थी. 


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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