Parkinson's: अल्जाइमर के बारे में तो सुना होगा, आज दिमाग की बीमारी पार्किंसन के बारे में जानिए
पार्किंसंस दिमाग से जुड़ी एक बीमारी है, जो अल्जाइमर की तरह की खतरनाक है. इस बीमारी का अगर समय पर इलाज न हो तो स्थिति गंभीर हो सकती है. इसमें खड़े होने, बोलने में समस्या हो सकती है.
Parkinson Disease : अल्जाइमर एक ऐसी बीमारी है, जिसमें दिमाग की कोशिकाएं मरने लगती हैं, ब्रेन का साइज घटने लगता है. जिसकी वजह से खाना-कपड़े पहनना, टॉयलेट तक जाना मरीज भूलने लगता है. ऐसे में बहुत से लोग इसे दिमाग की सबसे खतरनाक बीमारी मानते हैं लेकिन इसी की तरह खतरनाक पार्किसन रोग (Parkinson) भी है. जिसका नाम कम लोग ही जानते हैं.
यह भी एक तरह की मानसिक बीमारी है. इसमें मरीज को चलने में दिक्कत होती है, उसकी बॉडी में कंपन और अकड़न होती रहती है, बॉडी बैलेंस करने में भी परेशानी आती है. शुरुआत में यह बीमारी तो नॉर्मल लगती है लेकिन बाद में गंभीर रूप ले लेती है. आइए जानते हैं पार्किसन बीमारी के बारें में...
पार्किसन बीमारी का कारण
1. यह ब्रेन केमिकल डोपामाइन को नुकसान होने पर होता है.
2. इसका कारण जेनेटिक भी हो सकता है.
3. वातावरण में कुछ टॉक्सिक सबस्टांसेस की वजह से भी पार्किंसन रोग हो सकता है.
4. दूषित पानी पीने से भी पार्किंसन का खतरा रहता है.
5. ऐसी जगहें जहां पानी में निकेल, प्रोमेथीन या अन्य टॉक्सिक एलिमेंट्स मौजूद होते हैं, वहां खतरा ज्यादा.
6. स्ट्रोक या इंसुलिन प्रतिरोध की समस्या जैसी कुछ बीमारियां भी पार्किंसन बीमारी का कारण बन सकती है.
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पार्किसन बीमारी के लक्षण
1. बॉडी में कंपन होने लगता है. उंगलियों, हाथ और शरीर के छोटे हिस्सों से कंपन शुरू होकर पूरे शरीर में फैल जाता है. मरीज सही तरह खड़ा तक नहीं हो पाता है.
2. कुछ भी लिखने में दिक्कत होना. लिखते समय हाथों में कंपना होना या सही तरह हाथ मूव न कर पाना.
3.काम करने की क्षमता अचानक से प्रभावित हो सकता है. मानसिक तौर पर इतनी थकान हो जाती है कि कुछ भी करने का मन नहीं करता है.
4. पार्किसन में मांसपेशियों में अकड़न होने लगती है.
5. इस बीमारी में बोलने में दिक्कत होती है या बोलते समय सही तरह सोच नहीं पाते हैं.
6. बोलते समय हकलाना और सही तरह सोच न पाना.
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पार्किसन बीमारी से कैसे बचें और इसका इलाज
1. एक स्वीडिश स्टडी के अनुसार, विटामिन C और E से भरपूर फूड्स, ताजी सब्जियां खाने से पार्किंसन ही नहीं कई खतरनाक बीमारियों का खतरा टल सकता है
2. डॉक्टर अक्सर पार्किसन बीमारी में ग्रीन टी पीने को कहते हैं. इसमें कैफीन कम होता है, जिससे फायदा मिलता है.
3. पेस्टीसाइज केमिकल वाले फल और सब्जियां न खाएं. इससे पार्किंसन रोग का खतरा रहता है.
4. रोजाना एक्सरसाइज करने से भी पार्किसन की बीमारी का रिस्क कम होता है. योगा, वर्कआउट को डेली लाइफ का हिस्सा बनाएं.
5. अपनी हेल्थ प्रॉपर चेक करवाते रहें. इससे किसी तरह की समस्या होने का पता पहले ही चल सकता है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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