Brain Exercise Benefits: फिट रहने के लिए लोग एक्सरसाइज करते हैं. कुछ लोग योग का सहारा लेते हैं. इसे भी एक्सरसाइज की कैटेगरी में ही गिना जाता है. एक ओर जहां व्यक्ति मसल्स बनाने पर जोर देता है. वहीं, बॉडी का बेहद सेंसटिव और इंपोर्टेंट पार्ट है ब्रेन. इसकी सेहत का ख्याल रखना बेहद जरूरी है. डॉक्टर भी लोगों को मानसिक तौर पर रिलेक्स रहने की सलाह देते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि हमारी सामान्य एक्टिविटीज ही एक एक्सरसाइज का काम करती है. ब्रेन के लिए ऐसी ही एक्सरसाइज काम करती है. जानने की कोशिश करते हैं कि कैसे सिर्फ देखने भर से ब्रेन के टॉक्सिंस बाहर निकल जाते हैं. 


घूरकर देखने से निकल जाते हैं टॉक्सिंस


मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मैसाचुसेट्स के बोस्टन विश्वविद्यालय में लौरा लुईस नाम के वैज्ञानिक ने बताया कि एक जगह लोगों का घूरकर देखना दृष्टि पर असर डालता है. यह एक मानसिक एक्सरसाइज का प्रोसेस है. इस प्रक्रिया से गुजरने के दौरान ब्रेन से टॉक्सिंस बाहर निकलते हैं. इसके पीछे तर्क दिया गया है कि ब्रेन से टॉक्सिंस निकालने की प्रक्रिया इस प्रोसेस में बहुत तेज होने की संभावना है. हालांकि नींद के दौरान भी टॉक्सिंस भी काफी हद तक टॉक्सिंस बाहर निकल जाते हैं. 


इस लिक्विड का रहता बड़ा रोल


वैज्ञानिक ने बताया कि ब्रेन से टॉक्सिंस बाहर निकाले जाते हैं. इसमें एक द्रव का बड़ा रोल होता है. इस प्रक्रिया को मस्तिष्कमेरु लिक्विड होता है. इसे ब्रेन में पंप किया जाता है. ग्लाइम्फेटिक सिस्टम नामक महीन नलियों के एक नेटवर्क के माध्यम से इसे छोड़ा जाता है. इसकी खोज वर्ष 2012 में की गई थी. 


ऐसे की गई स्टडी


शोधकर्ताओं ने 20 वालंटियर को शामिल किया. उन्होंने सभी वालंटियर से स्कैनर के अंदर एक स्क्रीन देखने के लिए कहा. साइंटिस्ट ने बताया कि सभी को एक ऐसा पैटर्न देखने को दिया गया, जिसमें ब्रेन को एक्टिविटी करनी थी. इसके बाद डिस्पले 16 सैकेंड के ब्रेक में एक घंटे तक बंद रहा. स्टडी में सामने आया कि स्क्रीन चलने के दौरान ब्लड का प्रवाह बढ़ गया था, जबकि स्क्रीन पर अंधेरा होते ही रक्तप्रवाह कम हो गया. बोस्टन विश्वविद्यालय में टीम के सदस्यों में से एक स्टेफ़नी विलियम्स ने कहा, अभी इसके व्यापक प्रभाव तलाशे जा रहे हैं. 


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.